धमतरी जिले के मगरलोड ब्लाक के ग्राम पंचायत अरौद के उपसरपंच सहित पंचों ने सरपंच, सचिव एवं जनपद पंचायत के जांचकर्ता के विरोध में 15 नवंबर को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बैठने की चेतावनी दी है। उप सरपंच व पंचों ने आठ नवंबर को लिखित आवेदन कर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, कलेक्टर, जिला पंचायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुरूद, जनपद पंचायत एवं कुरूद विधायक को कार्रवाई नहीं होने पर भूख हड़ताल में चले जाने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया था, जो 15 नवंबर को खत्म हो रहा है।
ग्राम पंचायत अरौद उपसरपंच फलेश कुमार साहू, पंच पेखन साहू, महेंद्र साहू, नोहर साहू, राजकुमारी साहू, शारदा बाई, वत्सला साहू ने लिखित आवेदन देकर आरोप लगाया है कि सरपंच, सचिव ने पंचायत के पंचों के पद की अवहेलना कर फर्जी प्रस्ताव बनाकर राशि का आहरण किया है। पंचायत के विकास एवं निर्माण कार्यों के लिए आयोजित पंचायत बैठक में पंचों के साथ विवाद कर बैठक स्थगित किया जाता था। आगामी पुनः पंचायत बैठक की सूचना उपसरपंच सहित पंचों को नहीं देता था। पंचायत के प्रथम बैठक में लिए गए एजेंडों के अलावा स्थगित बैठक में अन्य एजेंडा शामिल कर पंचों की फर्जी हस्ताक्षर कर राशि का आहरण किया गया है। पंचायत राज अधिनियम में ग्राम पंचायत के संचालन में सभी पंचों का सहयोग अनिवार्य है। ग्राम पंचायत में 2021 से 2024 तक पूर्ण चार वर्ष पंचों की उपस्थिति एवं सहयोग के बिना बैठक आयोजित कर स्थगित बैठक की हवाला देकर पंचों के मौलिक अधिकारों का हनन करने का आरोप है। 12 जून 2024 को लिखित आवेदन पर जनपद पंचायत कार्यालय की जांच टीम आरईएस के एसडीओ, करारोपण अधिकारी, तकनीकी सब इंजीनियर शामिल रहे। प्रथम जांच 12 अगस्त को दस्तावेज अपूर्ण पर सरपंच, सचिव को एक सप्ताह का समय दिया गया तथा दूसरी जांच 10 सितंबर को जांच के दौरान वादी-प्रतिवादी के मध्य विवाद की स्थिति में जांच प्रक्रिया अब तक स्थगित है। उपसरपंच एवं पंचों ने बताया कि निर्धारित समय सीमा अंतर्गत सरपंच, सचिव के ऊपर उचित करवाई नहीं करने पर 15 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बैठ की चेतावनी शासन-प्रशासन को दिए है।
शिकायत की जांच प्रक्रिया में है
कथन जांच अधिकारी एसडीओ आरईएस संजय चंद्राकर ने बताया कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मगरलोड के आदेश की परिपालन में ग्राम पंचायत अरौद में सरपंच, सचिव एवं शिकायतकर्ता की समक्ष जांच प्रक्रिया में है। प्रथम दिवस जांच में दस्तावेज अपूर्ण पर समय दिया गया तथा द्वितीय दिवस जांच के दौरान सरपंच पक्ष व शिकायत पक्ष की मध्य विवाद की स्थिति में जांच प्रक्रिया को स्थगित कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखित अवगत प्रस्तुत किया गया।