अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर (Saharanpur)। सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं से सुरक्षा केवल सरकारी अमले की जिम्मेदारी नहीं है। यातायात सप्ताह या सड़क सुरक्षा पखवाड़ा तो पुलिस व प्रशासन की ओर से जागरूकता लाने का प्रयास मात्र है, लेकिन यदि हम स्वयं सुरक्षा के प्रति जागरूक नहीं होते हैं तो यह प्रयास प्रभावी नहीं हो सकते। सुरक्षा की पहली शर्त हमारी सतत जागरूकता है। सड़कों पर लगे हुए ‘सावधानी हटी दुर्घटना घटी’ जैसे बोर्ड हमें यह साफ बताते हैं।
योग गुरु ने मोक्षायतन योग संस्थान के साधकों से मासिक संवाद में कहा कि योग सिर्फ व्यायाम नहीं बल्कि लोकहित के लिए सहयोग का भी नाम है। उन्होंने जीवित रक्त बैंक व राष्ट्र वंदना अभियान की तरह सड़क सुरक्षा में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान भी योग साधकों से किया। सड़क सुरक्षा को लेकर कुछ अति महत्वपूर्ण विषयों की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा कि वाहन चालकों के लिए सिर्फ नशे की अवस्था में वाहन चलाना प्रतिबंधित न हो कर तंबाकू गुटखा आदि खाकर ड्राइविंग करने पर कड़े प्रतिबंध की आवश्यकता है क्योंकि अक्सर वाहन चालक पीक थूकने के लिए दाहिनी तरफ की खिड़की कोई बैठते हैं जिससे ओवरटेक की कोशिश कर रहे वाहन की जान लेवा दुर्घटना निश्चित है क्यूंकि ऐसे अचानक खिड़की खोलने से बराबर से गुजर रहे दुपहिया वाहन चालकों की निश्चित दर्दनाक मृत्यु के हादसे देखने को आते हैं। सड़क पर चलने वाले सभी तरह के वाहनों ट्रैक्टर ट्रॉली बूगी आदि समेत पर रिफ्लेक्टर्स अति आवश्यक है, रिफ्लेक्टर्स न लगे वाहनों के लिए कठोर दंड का प्रावधान होना चाहिए क्यूंकि ये अधिकांशतः बड़ी दुर्घटनाओं की वजह बनते हैं। इसके लिए हमें स्वयं आगे आकर रिफ्लेक्टर रहित वाहनों पर अपनी तरफ से रिफ्लेक्टर व रेडियम स्ट्रिप लगा कर एक दूजे के मन में ये विष्वास जमाना होगा कि हम आपकी सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। योगगुरु ने सड़क पार करने और पैदल चलने के नियम भी बच्चों को बताए जिनसे बहुत सी जानें बचाई जा सकती हैं। सड़क सुरक्षा व यातायात को लेकर जागृति अभियान के तहत यातायात पुलिस के एक एक व्यक्ति को यदि सभी विद्यालयों में भेज कर बच्चों को यातायात नियंत्रण यातायात नियमों से अवगत कराया जाए इसका अधिक व्यापक व दूरगामी लाभ होगा। इसके लिए हर विद्यालय से एन सी सी अथवा स्काउटिंग से जुड़े एक या दो छात्र छात्राओं को लेकर उन्हें यातायात का उचित प्रशिक्षण देकर उन के माध्यम से सभी शिक्षण संस्थाओं में यातायात जागरूकता का कार्य किया जाए। मासिक संवाद में पूर्व सचिव ऋषिपाल सिंह, एन के शर्मा, डा अशोक गुप्ता, अनिता शर्मा, सीमा गुप्ता, इं अमरनाथ, इं पवन कुमार, सुनीता सिंघानिया, सुभाष वर्मा, पूनम वर्मा, विजय सुखीजा, ललित वर्मा, अभिनव रुहेला, अवधेश दुआ, गुलशन निझारा, सतीश चावला, मुकेश सेठ, अरशद मालिक, योगेश शर्मा, अपर्णा शर्मा, नारायण वर्मा, पुरु वर्मा आदि शामिल रहे।