नई दिल्ली। स्वास्थ्य बीमा खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने की सोच रहे हर व्यक्ति के लिये एक महत्वपूर्ण निवेश है। एक व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना में कई प्रकार की बीमारियों के कारण होने वाले चिकित्सकीय और शल्यक्रिया के खर्चों को शामिल किया जाता है। दूसरी ओर, स्वास्थ्य बीमा चिकित्सकीय आपातकाल में केवल आर्थिक मदद से बढ़कर बहुत कुछ करता है; यह टैक्स में लाभ भी देता है और एक जरूरी वित्तीय साधन है, जो कि वित्तीय योजना में शामिल किया जाना चाहिये। आयकर (आई-टी) अधिनियम की धारा 80डी वरिष्ठ नागरिकों के लिये योजनाओं की किस्तों पर प्रतिवर्ष 50,000 रूपये और आपके परिवार के अन्य सदस्यों के लिये 25,000 रूपये तक की छूट की अनुमति देती है। आम आदमी की भाषा में कहें, तो एक योजना की खरीदी के लिये किस्त के रूप में भुगतान की जाने वाली राशि कर के योग्य आमदनी से काटी जा सकती है।
इस विषय पर बात करते हुए, एसबीआई जनरल इंश्योरेन्स में अंडरराइटिंग और रिइंश्योरेन्स के हेड श्री सुब्रमण्यम ब्रह्मजोस्युला ने कहा, “युवावस्था में ही स्वास्थ्य बीमा में निवेश करना एक समझदारी से भरा फैसला है, खासकर जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों वाले इन दिनों में यह और महत्वपूर्ण हो जाता है। आप ऐसी योजना चुन सकते हैं, जो आपकी जरूरतों के हिसाब से सबसे बढ़िया हो। अपने, परिवार और निर्भर माता-पिता के लिये भारतीय आयकर चेक, बैंक ड्राफ्ट, क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स के माध्यम से भुगतान की जाने वाली पूरी किस्त काटने की अनुमति देता है। खर्च हुई कुल राशि पर नजर रखने के लिये रसीदों और योजना के कागजों को अपने साथ रखना चाहिये और योजना के साथ मिलने वाले लाभों का अध्ययन भी करना चाहिये।”
मौजूदा वित्तीय योजना के विस्तार में खरीदे गये ऐड-ऑन या राइडर्स के लिये भी कर में छूट का दावा किया जा सकता है। इसके अलावा, गंभीर रोग के कवरेज और रोकथामपरक चिकित्सकीय जाँचों के लिये 5000 रूपये तक के भुगतान पर कुल योग्य कर लाभ के हिस्से के अंतर्गत दावा किया जा सकता है।
एक अच्छी स्वास्थ्य बीमा योजना न केवल आपातकाल में आपकी और आपके प्रियजनों की सुरक्षा करेगी, बल्कि अपनी बचत को मजबूत बनाने में आपको मदद मिलेगी। अपने स्वास्थ्य और धन की सुरक्षा के लिये आपको एक पर्याप्त और व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना लेने की सलाह दी जाती है।