वर्तमान परिवेश में कबीर,सूर, तुलसी,पंत , निराला, प्रसाद और मुंशी प्रेमचंद को याद करने की जरूरत

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श्री मुकुट नाथ विद्यालय ताला में अवधी साहित्य संस्थान की ओर से मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।कवि गोष्ठी में कवियों ने अपनी रसभरी रचनाओं से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अवधी साहित्य संस्थान अमेठी के अध्यक्ष डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि गद्य के बिना पद्य समझना सम्भव नहीं है।वर्तमान परिवेश में कबीर,सूर, तुलसी,पन्त,निराला प्रसाद एवं मुंशी प्रेमचंद को भी याद करने की जरूरत है।कवि गोष्ठी अध्यक्षता करते हुए भोपाल से पधारे जाने- माने साहित्यकार पुरुषोत्तम तिवारी ‘साहित्यार्थी ‘ने पढ़ा सतत् चल रहा धरती पर  देव असुर संग्राम, बनना होगा कृष्ण किसी को और किसी को राम, उद्गार मंच के संस्थापक नरेन्द्र शुक्ल ने पढ़ा मैं भारत हूं,आये दिन की घटनाओं से मत पूछो कितना आहत हूं, प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रेम ने पढ़ा जिस आयु में यौवन युवकों का श्रृंगार महल में सोता था,उस आयु में यौवन शेखर का कांटों पर सोया होता था, राजेन्द्र शुक्ल अमरेश ने पढ़ा लाज ‘अमरेश’ लुटती हो कहीं, द्रोपदी के लिए कृष्ण बन जाइए, हरि नाथ शुक्ल हरि ने पढ़ा गणतंत्र का दिवस है छब्बीस जनवरी,बेला बढ़ी सुयश है छब्बीस जनवरी,
सुधीर रंजन द्विवेदी ने पढ़ा ले शब्दों में वेग भावना  की,लड़ें जालिम से कविता सिखाती है,समीर मिश्र ने पढ़ा आंखों में आसूं कंधों पर अर्थी रही, फूल कम पड़ गये थे चिता के लिए।
कवि गोष्ठी में अवधी मधुरस ज्ञानेन्द्र पाण्डेय,श्री नाथ मौर्य सरस, कुंजबिहारी मौर्य काका श्री,सुनीता श्रीवास्तव,रामबदन शुक्ल ‘पथिक’,बाल कृष्ण शुक्ल,अर्चना ओजस्वी,चन्द्र प्रकाश पाण्डेय मंजुल, सब्बीर अहमद सूरी,समीर मिश्र,अनिरुद्ध मिश्र, जगदम्बा तिवारी मधुर, तेजभान सिंह,एस पी  मिश्र, कृष्ण कुमार पाण्डेय,जटा शंकर  शुक्ल आदि कवियों ने अपनी रसभरी कविताओं में स्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।कवि गोष्ठी में शिवकुमार शुक्ल,राजेन्द्र शुक्ल, कैलाश नाथ शर्मा,एस एन पाल,संजय मिश्र,डॉअभिमन्यु कुमार पाण्डेय,प्रधान मनोज शुक्ल,गिरजा शंकर शुक्ल,बिलशन बाबा,राम चन्द्र मिश्र, सत्यमेव तिवारी,गिरीश तिवारी,आशीष त्रिपाठी,अजुग पाण्डेय, विजय मिश्र,मीनाक्षी मिश्रा,श्रीमती रीता पाण्डेय आदि सैकड़ों की संख्या में क्षेत्र के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।कवि गोष्ठी का सफल संचालन प्रख्यात कवि समीर मिश्र तथा अतिथियों  के प्रति आभार संयोजक सत्येन्द्र प्रकाश शुक्ल ने किया।कवि गोष्ठी का समापन राष्ट्रगान से हुआ।
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