अमेरिका में इस दवा के ओवरडोज से इंसान बन रहे ‘जॉम्बी’, पैरों में हुए बड़े छेद

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ज़ाइलेजिन एक खतरनाक ड्रग है जो पहले पशु चिकित्सा के लिए मंजूर थी लेकिन अब यह हेरोइन और फेंटनाइल जैसी नशीली दवाओं में मिलाकर इस्तेमाल हो रही है। इसके ओवरडोज़ पर नलॉक्सोन असर नहीं करता जिससे मौतें बढ़ रही हैं। इस ड्रग से त्वचा सड़ने घावों और अंगों के कटने जैसे गंभीर लक्षण होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नशे के संकट को और बढ़ा सकती है।

इन दिनों अमेरिका के कई शहरों में एक नई ड्रग “ज़ाइलेजिन” या “ट्रांक” (Tranq) के कारण भारी तबाही मच रही है। यह ड्रग मूल रूप से पशु चिकित्सा के लिए मंजूर की गई थी, लेकिन अब यह अवैध नशीली दवाओं में मिलाकर इसका उपयोग किया जा रहा है।

ज़ाइलेजिन, जो कि एक नॉन-ऑपियोइड है, इंसान के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ड्रग हेरोइन के साथ मिलाकर लोगों में खतरनाक लक्षण उत्पन्न कर रही है, जैसे कि त्वचा का सड़ना और जानलेवा ओवरडोज़।

ज़ाइलेजिन के खतरनाक प्रभाव

ज़ाइलेजिन की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसकी ओवरडोज़ पर नलॉक्सोन (Narcan), जो एक सामान्य ओवरडोज़ रिवर्सल दवा है, कोई असर नहीं दिखाता। इस कारण से, ओवरडोज़ का इलाज करना बेहद मुश्किल हो जाता है।

लगातार ज़ाइलेजिन के संपर्क में रहने से शरीर में अत्यधिक थकावट, श्वसन तंत्र में समस्या और त्वचा पर घाव बनने जैसे लक्षण सामने आते हैं। इन घावों की गंभीरता बढ़ने पर ये मृत त्वचा में बदल सकते हैं, जिसे मेडिकल टर्म में ‘एस्कर’ कहा जाता है और इसका इलाज केवल एमप्युटेशन (अंग की काटने) से ही संभव हो सकता है।

दवा के कारण बढ़ रही है मौतें

2021 में न्यूयॉर्क सिटी के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, ज़ाइलेजिन के ओवरडोज़ से 2,668 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, फ़िलाडेल्फिया में 2021 में लैब टेस्टेड ड्रग सैंपल्स में 90% सैंपल्स में ज़ाइलेजिन पाया गया। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह दवा नशे के बढ़ते संकट को और बढ़ा सकती है, क्योंकि ज़ाइलेजिन ओपिओइड्स जैसे फेंटनाइल के हाई को लंबा करने का काम करती है।

ज़ाइलेजिन का असर और मरीज़ों के अनुभव

समझने वाली बात यह है कि ज़ाइलेजिन से होने वाली तबाही न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी बहुत खतरनाक है। बहुत से लोग जिन्होंने इस ड्रग का इस्तेमाल किया है, उनका कहना है कि इस ड्रग ने नशे के दौरान मिलने वाली खुशी को समाप्त कर दिया है।

एक मरीज़, सम (28), जो इस दवा का शिकार हुआ, उसने मीडिया से बातचीत में कहा कि “ट्रांक ने मेरे शरीर को जॉम्बी जैसा बना दिया है।” उसने यह भी बताया कि शुरुआत में उसके शरीर पर कोई घाव नहीं था, लेकिन अब उसके पैरों में बड़े बड़े छेद हो गए हैं।

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