इस्लामाबाद। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पहले से ही सिफर मामले में अदियाला जेल में कैद हैं, लेकिन अब उनको अल-कादिर ट्रस्ट मामले और तोशाखाना उपहार मामले में पाकिस्तान के शीर्ष भ्रष्टाचार विरोधी कार्यालय ने गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्टों में मंगलवार को इस बात का दावा किया गया है।
स्थानीय डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर द्वारा गिरफ्तारी वारंट की पुष्टि करने और अदियाला जेल अधीक्षक को उन्हें निष्पादित करने का निर्देश देने के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने सोमवार को खान को गिरफ्तार कर लिया।
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, “खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भी सोमवार को गिरफ्तार किया गया था, जब सहायक निदेशक मुहम्मद आसिफ और वकारुल हसन के नेतृत्व में एनएबी टीम ने जिला जेल (अदियाला), रावलपिंडी का दौरा किया और जेल अधीक्षक के माध्यम से गिरफ्तारी वारंट निष्पादित किया।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरफ्तारी वारंट के निष्पादन का मतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख खान को तोशाखाना और अल-कादिर मामलों में गिरफ्तार किया गया था। अदालत से उसकी रिमांड प्राप्त करने के बाद एनएबी टीम द्वारा जेल में उसकी जांच की जाएगी।
इमरान खान को अगस्त में गिरफ्तारी के कुछ महीनों बाद से सिफर मामले में अदियाला जेल में रखा गया है। अली-कादिर ट्रस्ट मामला 190 मिलियन पाउंड यानी करीब 50 अरब रुपये के सेटलमेंट का है, जो ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी ने एक पाकिस्तानी प्रॉपर्टी टाइकून से रकम वसूलने के बाद पाकिस्तान भेजा था।
उस समय प्रधानमंत्री होने के नाते, इमरान खान ने इसे राष्ट्रीय निधि में जमा करने के बजाय, व्यवसायी को कुछ साल पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए लगभग 450 अरब रुपये के जुर्माने को आंशिक रूप से निपटाने के लिए राशि का उपयोग करने की अनुमति दी थी। बदले में टाइकून ने पंजाब के झेलम जिले के सोहावा क्षेत्र में अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी द्वारा स्थापित ट्रस्ट को लगभग 57 एकड़ जमीन उपहार में दी।
अदालत ने तोशाखाना उपहार मामले में खान की गिरफ्तारी वारंट भी जारी की थी, जो उस मामले से अलग है, जिसमें उन्हें अगस्त में दोषी ठहराया गया था और गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत दे दी गई थी। वह मामला तोशखाना से मिले उपहारों की बिक्री से प्राप्त आय को छिपाने के लिए पाकिस्तान के चुनाव आयोग द्वारा दायर किया गया था।
हाल ही में गिरफ्तारी वारंट एनएबी द्वारा दायर मामले में जारी किया गया था, जिसने खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, क्योंकि उसे दो मामलों में जांच पूरी करने की आवश्यकता थी। अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली और रावलपिंडी की अदियाला जेल के अधीक्षक को अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।