इस्लामाबाद। गोपनीय फाइल लीक मामले में जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की जमानत याचिका पर इस्लामाबाद हाई कोर्ट नौ अक्टूबर को खुली अदालत में सुनवाई करेगा। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने कोर्ट में दलील दी थी कि इस मामले में खुली अदालत में सुनवाई न की जाए, इससे विदेश से संबंध बिगड़ने का खतरा है।
इमरान को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत बीते अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। वह तोशाखाना मामले में पहले से ही जेल में थे। लेकिन तीन साल की सजा पर रोक के बाद उन्हें गोपनीय राजनयकि केबिल लीक करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।
पिछले हफ्ते एफआईए ने इमरान खान की जमानत याचिका पर बंद कमरे में सुनवाई की मांग की थी। एफआईए ने कहा था कि अगर खुली अदालत में सुनवाई हुई तो इससे विदेश से संबंध बिगड़ने की आशंका है। मामले में इमरान के साथ उनके निकट सहयोगी शाह कुरैशी को भी प्रमुख आरोपी बनाया गया है। दोनों नेता इस समय जेल में हैं। 26 अक्टूबर को दोनों की न्यायिक हिरासत 10 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई थी।
इमरान खान की बहन अलीमा ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा समय से चुनाव कराने को लेकर अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग न करने से पीटीआई प्रमुख नाखुश हैं। उन्होंने बताया कि इमरान इस बात से नाराज हैं कि राष्ट्रपति ने चुनाव की तिथि घोषित करने के बजाय कटऑफ डेट का एलान किया।