IMPS, RTG, NEFT के मुकाबले बेस्ट है UPI, यहां समझें सबकी खासियत

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लेनदेन के तरीके में काफी बदलाव आया है। जहां पहले कैश से लेनदेन होता था। वहीं अब ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का दौर आ गया है। ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की बात करें तो अक्सर लोग यूपीआई (UPI) बोलते हैं। आज के समय में यूपीआई काफी पॉपुलर हो गया है। लेकिन यूपीआई के अलावा भी कई तरीके हैं जिससे फंड ट्रांसफर किया जा सकता है।

पैसों के लेनदेन के तरीके में पिछले 10 साल के भीतर काफी बदलाव देखने को मिला है। जहां पहले लोग एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए बैंक जाते थे वह काम अब चुटकी भर में हो जाता है। जी हां, UPI, IMPS, RTG, NEFT ने पैसे के लेनदेन के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। वैसे तो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए आईएमपीएस ,आरटीजी, एनईएफटी जैसे मोड मौजूद हैं, लेकिन इन सब के अलावा यूपीआई काफी पॉपुलर मोड बन गया है।

अब ऑनलाइन पेमेंट के लिए लोग यूपीआई करना काफी पसंद करते हैं। यूपीआई ने एक हद तक हमारे पर्स को डिजिटल बना दिया है। अब घर से निकलने पर पॉकेट में हाथ डालकर पर्स चेक करने की जरूरत नहीं होती है। हम आपको नीचे बताएंगे कि सभी ऑनलाइन पेमेंट मोड में से यूपीआई काफी लोकप्रिय क्यों हुआ है।

NEFT

साल 2005 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने NEFT की शुरुआत की थी। यह एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक फंड है जिसका इस्तेमाल फंड ट्रांसफर के लिए किया जाता है। बता दें कि NEFT के जरिये आसानी से एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए NEFT-इनेबल बैंक अकाउंट होना जरूरी है।

यह फंड ट्रांसफर करने का सिक्योर तरीका है। NEFT के जरिये फंड ट्रांसफर करने के लिए कस्टमर को बैंक में जाकर फॉर्म फिल करना होता है। इस फॉर्म में वह सेंडर और रिसीवर के बैंक अकाउंट की डिटेल्स देता है जिसके बाद बैंक द्वारा फंड ट्रांसफर किया जाता है।

 

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