अवधनामा संवाददाता
सुल्तानपुर।राजस्थान विधानसभा में डॉक्टरों के भारी विरोध के बाद भी राइट टू हेल्थ बिल को 21 मार्च 2023 को पास किया है। आईएमए , उत्तर प्रदेश राज्य शाखा के सभी सदस्य राजस्थान सरकार द्वारा चिकित्सकों के विरोध के बाबजूद जनविरोधी ‘‘राईट टू हेल्थ बिल’’ को पारित किये जाने से दुःखी एवं आक्रोषित है। सुल्तानपुर जनपद के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉक्टर ए के सिंह व सचिव डॉ अंकुर सेठ के नेतृत्व में जनपद के सभी चिकित्सक इस बिल का विरोध करने के लिए आईएमए के आवाहन पर एक सकारात्मक बैठक करके अपनी असहमति व्यक्त की। कई दिनों से राजस्थान प्रदेश के डॉक्टर हड़ताल पर है।आईएमए के अध्यक्ष डॉ. ए के सिंह ने बताया कि यह बिल आम जनों को संविधान के धारा-21 के अंतर्गत सरकार द्वारा डॉक्टर्स को राईट टू लीव अधिकार से बंचित करने का प्रयास है। सरकारें स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने दायित्व को प्राईवेट सेक्टर पर बिना किसी खर्च फेंक कर उन्हें बर्बाद करने पर उतारू है। राजस्थान सरकार जबतक इस जनविरोधी कानून(राईट टू हेल्थ बिल) को वापस नहीं लेती है तब तक आईएमए उत्तर प्रदेश इसका हर स्तर पर विरोध करना सभी जनपद मे जारी रखेगी।राजस्थान सरकार द्वारा लागू किया जा रहा राइट टू हैल्थ (आरटीएच) बिल बिना सोचे समझे थोपा जा रहा है, यह हर वर्ग के खिलाफ है। आमजन का स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार इस जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है और यह जबरन प्राइवेट डॉक्टरों पर थोपना चाह रही है। इस बिल से संबंधित कमेटियों में डॉक्टरों को शामिल नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बिल में बिना सुनवाई के सजा का प्रावधान है, इमरजेंसी की कोई परिभाषा नहीं है, कोई भी डॉक्टर किसी का भी उपचार करेगा यह किसी भी तरह से व्यवहारिक नहीं है। बिल में व्यावहारिक संशोधन किया जाना चाहिए। चिकित्सकों की कोई राय नहीं ली गई। ये पूरी तरह से चुनावी बिल है। आई एम ए का मानना है कि मुफ्त का कोई भी सिस्टम स्थायी नहीं है. इस प्रकार का सिस्टम एक समय के बाद बंद होना होता है और बंद होने के बाद आंदोलन होते है.राष्ट्रीय आईएमए के आवाहन पर सोमवार को राष्ट्रव्यापी काला दिवस मनाने की घोषणा की है। इस दिन देश भर में चिकित्सक काला पट्टी बांध कर काम कर रहे है राजस्थान एवं केन्द्र सरकार को अपना ज्ञापन भेंजेगे, आम सभा करेंगे जिसमें राजस्थान के साथियों के समर्थन में प्रस्ताव पारित करेंगे एवं अगर जरूरत पड़ती हें तोह भविष्य में राष्ट्रव्यापी हड़ताल के लिए तैयार होंगे।
इस बैठक में प्रमुख रूप से डॉक्टर एस एम वर्मा , डॉ जेपी सिंह , डॉ वी के शुक्ला, डॉ ए के अग्रवाल, डॉ शैलेंद्र, डॉ आनंद सिंह, डॉ अर्पित गर्ग, डॉ ए पी सिंह , डॉ आस्था डॉ संदेश, डॉ पी के पांडेय, डॉ अमोल रिबेलो, डॉ किरण, डॉ आस्था त्रिपाठी, डॉ राजीव रतन मिश्रा , डॉ पवन सिंह शामिल रहे ।