अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान
हमीरपुर :उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में मौरंग की खदानें शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं और सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा चुका। खनन माफियाओं के हौसलों का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें न ऐन जी टी के नियम कानून की परवाह है और न सरकार का कोई डर खौफ। आखिर खनन माफियाओं के पीछे हाथ किन का है सोचनें का विषय यह है क्योंकि बिना अधिकारियों की सांठगांठ व सेटिंग गेटिंग के खुले आम अवैध खनन करना असंभव है। यदि किसी विभाग का कोई कर्मचारी किसी से काम के लिए बतौर रिश्वत चन्द रू भी लेता है तो चारों तरफ देख सुनकर नजरे बचा कर बन्द मुठ्ठी कर के लेनें मे भी डरता है लेकिन यह खनन माफियाओं की खदानों में हाथी जैसी बड़ी बड़ी मशीनें दिन-रात दहाड़ ती है तथा रोड में हजारों फिट लदी मौरंग के ट्रक राष्ट्रीय राजमार्ग में फर्राटे भर कर उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंच जाते हैं इन्हे रास्ते में कहीं नही रोका जाता। खनन माफिया असलाहों के दम पर अवैध खनन का खेल करते हैं। अवैध खनन इन दिनों अपनें पिछले सभी रिकार्ड तोड़ कर अवैध खनन के नये नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। यहां मौरंग माफिया प्रतिबंधित मशीनों से नदियों का सीना चीरकर लाल सोना निकालने में दिन रात जुटे हैं। यहां की बेतवा नदी को माफियाओं ने प्रतिबंधित हैवी मशीनों से खोदकर बुरे हाल में पहुंचा दिया है। कोर्ट के आदेशों व एनजीटी के नियमों की अनदेखी कर यहां की मौरंग खदानों में दिन रात एक नही दो नही बल्कि दर्जनों मशीनों दहाड लगाती कभी भी देखी जा सकती हैं। खनन के खेल के साथ ही जिले में ओवरलोडिंग का खेल भी विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ से सातवें आसमान पर है।अधिकारों को आटो में बैठी सवारी तो दिख जाती हैं लेकिन बड़े बड़े ट्रक उन की आंखों को नजर नही आते हैं। मुख्यालय में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों के सामने से बेधड़क होकर ओवरलोड वाहन जिले की सीमा को पार कर जाते हैं। लेकिन इन कोई नही पकड़ता है। हमीरपुर में हो रहे अवैध खनन व ओवरलोडिंग के खेल की शिकायत कुछ दिनों पूर्व सदर विधायक ने प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से भी की थी लेकिन अवैध खनन रुकनें का नाम नही ले रहा है। अपनें आप में यह पहला मौका था जब सत्ता पक्ष के विधायक नें ही अवैध खनन के विरुद्ध खुलकर न केवल बोला है बल्कि मुख्यमंत्री से इस की शिकायत भी की।
बताते चलें कि बीजेपी सदर विधायक मनोज प्रजापति ने जिले में हो रहे अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खेल की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर लिखित शिकायत की थी। विधायक ने यहां के खनिज अधिकारी सुभाष सिंह व एआरटीओ आरपी सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। विधायक का आरोप है कि खनिज अधिकारी की मेहरबानी से ही माफिया वैध की आड़ में अवैध खनन के खेल को बेखौफ होकर अंजाम देते हैं इसके साथ ही जिले से निकल रहे ओवरलोड ट्रकों को लेकर विधायक ने एआरटीओ आरपी सिंह पर भी सवाल खडे किए हैं। एआरटीओ आरपी सिंह पर बिना रायल्टी के जिले से ट्रक निकलवाने का आरोप लगाया है। विधायक मनोज प्रजापति ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस से लेकर बड़े अफसर तक इस खेल में शामिल हैं। विधायक ने मुख्यमंत्री से समय रहते ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही किए जाने की मांग भी की थी लेकिन शिकायत का खनन माफियाओं पर कोई असर नही दिखाई दे रहा है।
बताते चलें कि समाजवादी पार्टी शासन काल मे हुए अवैध खनन की अभीभी सी बी आई जांच चल रही है। 900 करोड़ से अधिक के अवैध खनन के मामले में कई सफेद पोशों को अभियुक्त बनाया गया है। कई आई. ए. एस. भी इस जांच के दायरे में हैं। बावाजूद इसके जिले में खनन माफिया बेखौफ हो कर प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर नदीयों का अस्तित्व बिगाड़ने में जुटे रहते हैं।
खनन माफियाओं नें खदान संचालित होते ही बालू व मौरंग का अवैध खनन का खेल खुलेआम शूरू कर दिया है। खनन माफिया पट्टे की आड़ में प्रतिबंधित भारी मशीनों का प्रयोग करके नियम और कानून की खुलेआम धज्जिया उड़ा रहे हैं। इतना ही नहीं यह माफिया खनिज अधिकारी से सांठ -गांठ कर सेटिंग-गेटिंग नमस्ते की तर्ज पर सरकार को हर दिन लाखों का चूना लगा रहे हैं। इसके अतिरिक्त यह खनन किसानों की जमीनों में भी जबरन कब्ज़ा करके, खनन पट्टे से अतिरिक्त खनन करते रहते हैं।अगर किसान अवाज उठाते हैं तो दबंगई व गुंडई के दम पर किसानों को डरानें का काम भी करते हैं।