सट्टा माफियाओं को इगलास पुलिस की खुली छूट डॉ सतीश वर्मा ब्यूरो चीफ

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सट्टे का अवैध कारोबार इगलास तहसील क्षेत्र में खूब फल-फूल रहा है। कजरौठ गांव के सट्टा माफिया बन्धु बेखौफ इस अवैध कारोबार से लोगों को बर्बाद कर अपनी तिजोरी भर रहे हैं। ऐसा लगता है कि इलाका पुलिस ने इन सट्टा माफिया बन्धुओं को खुली छूट दे दी हो। लोगों का कहना है कि तहसील क्षेत्र का कजरौठ गांव सट्टे की खाईबाड़ी का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। जहां रोजाना हजारों रुपये की खब्बाली शकील और उसके भाई द्वारा की जाती है। बताया जाता है कि यहां दिन में दो बार सट्टे के नम्बर लगाये जाते हैं। अधिकांश नम्बरों की शकील और उसका भाई इसराइल स्वयं खब्बाली करते हैं। इनके सम्पर्क ऊपर के खब्बालों से भी बताये गये हैं, ज्यादा बड़े नम्बरों का यह उन पर उतार कर देते हैं। अधिकांश नम्बरों खब्बाली यह स्वयं करते हैं और नम्बर आ जाने पर यह सट्टा लगाने वालों की रकम डकार जाते हैं। ज्यादा कहासुनी होने पर यह अपनी गाड़ी कमाई इनके यहां लगाने वालों को पुलिस का भय दिखाकर डरा देते हैं। सूत्रों का कहना है कि कजरौठ के इसराइल के यहां आसपास के दर्जन भर के गांवों के लोग सट्टा लगाते हैं।
इसके एजेन्ट भी गांवों में फैले हुए हैं जो नम्बरों की पर्ची और रकम इसराइल को लाकर देते हैं। उन्हें इसराइल मामूली कमीशन देकर चलता कर देता है। एक अनुमान के मुताबिक इसराइल ने आसपास के सैकड़ों परिवार ‘को आर्थिक रूप से तबाह कर दिया है, सट्टा लगाने वाले सैकड़ों परिवारों में दो वक्त की रोटी का संकट पैदा हो गया है क्योंकि लोग सवा के सौ झांसे में आकर इसराइल को मालामाल बनाये जा रहे हैं। बताया जाता है कि इसराइल का छोटा भाई शकील कस्बा में पुराने सट्टा किंग की जगह ले चुका है। उसके यहां तमाम एजेन्ट सट्टे की पर्ची और रकम लाने के काम में लगे हुए हैं। खुद वह दुकान की आड़ में सट्टे की खाईबाड़ी जमकर कर रहा है। कस्बा में होने के बाद भी कस्बा पुलिस शकील के अवैध सट्टे के कारोबार की अनदेखी कर रही है। इसके सम्बन्ध में बताया गया है कि एक कथित पत्रकार का इन दोनों सट्टा माफिया बन्धुओं को संरक्षण मिला हुआ है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि सट्टा माफिया कथित पत्रकार और पुलिस को महीनेदारी देकर बेखौफ सट्टे की खाईबाड़ी कर रहा है। लोगों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि कजरौठ के इसराइल और कस्बा के शकील द्वारा किये जा रहे सट्टे के अवैध कारोबार की कमर तोड़ने के लिए एसटीएफ को जिम्मा दे क्योंकि इलाका पुलिस तो इन स्वट्टा माफिया बन्धुओं की मुरीद बनी हुई है। उससे इनके खिलाफ कार्रवाही की अपेक्षा करना कतई बेमानी होगा।
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