अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में लगी आग से जनता को राहत देने के लिए महाराष्ट्र और दिल्ली की सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की है. केन्द्र सरकार अगर इस मांग को मान लेती है तो पेट्रोल और डीज़ल के दामों में करीब 25 रुपये प्रति लीटर की कमी हो जायेगी.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा है कि केन्द्र अगर पेट्रोल डीज़ल को जीएसटी में लाने का फैसला करती है तो राज्य सरकार उसका पूरा समर्थन करेगी. महाराष्ट्र सरकार से पहले दिल्ली सरकार भी केन्द्र से यही मांग कर चुकी है. मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केन्द्र सरकार से कहा है कि तेल की कीमतों को अगर जीएसटी के दायरे में ले आया जाए तो आम आदमी को इससे फौरी राहत मिल सकती है.
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पिछले 12 दिनों से हालांकि पेट्रोल-डीज़ल के दामों में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है लेकिन फरवरी के महीने में 16 दिनों ताल लगातार दामों में बढ़ोत्तरी हुई है. इस दौरान चार रुपये 74 पैसे के बढ़ोत्तरी हुई है. पेट्रोल डीज़ल की मौजूदा कीमतें अपने रिकार्ड स्तर पर हैं. रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास से लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान तक तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जता चुके हैं.