गांव-गांव जाकर लोंगो को जागरूक कर रही यूनिसेफ की टीम
ओआरएस घोल बनाने का बताया जा रह तरीका
देवरिया (Devariya) जनपद में दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। नौ अगस्त से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलने वाले इस पखवाड़े के तहत लोगों को बच्चों में दस्त नियंत्रण के संबंध में जागरुक किया जा रहा है। यूनिसेफ की टीम ने देसई देवरिया ब्लॉक के सोनिया मुंडेरा गांव में पहुंचकर गांव के लोगों को बुधवार को जागरूक किया। उन्हें बताया गया कि शिशु को दस्त हो जाएं तो इसमें लापरवाही न करें, बल्कि नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर मुफ्त ओआरएस का घोल लें और बच्चे को पिलाकर उसके दस्त को नियंत्रित करें। जागरूकता कार्यक्रम के दौरान यूनिसेफ के डीएमसी गुलजार त्यागी ने कहा कि बच्चे को अगर दस्त की समस्या है तो उसका बेहतर उपचार ओआरएस का घोल और जिंक की गोली है। यह दोनों दवाएं आशा कार्यकर्ता, एएनएम और निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर निः शुल्क उपलब्ध हैं। आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर यह दवाएं प्राप्त की जा सकती हैं। ऐसे में अगर बच्चे को दस्त की दिक्कत है तो ओरआरएस व जिंक से असरदार इलाज करें।
उन्होंने बताया कि ओआरएस के पैकेट का एक लीटर पानी में घोल बनाना चाहिए। बच्चे को दस्त शुरू होते ही प्रत्येक दस्त के बाद यह घोल पिलाना चाहिए। जिंक की गोली एक चम्मच पीने के पानी या मां के दूध के साथ 14 दिनों तक देनी है। यह भी ध्यान रखना है कि दस्त के दौरान मां का दूध और ऊपरी आहार (पूरक आहार) बंद नहीं करना है। बच्चों का खाना पकाने, खिलाने एवं मल साफ करने के बाद हाथों को सुमन-के विधि से साबुन पानी से अवश्य धोएं व बच्चों के मल की तुरंत सफाई करें।
इस अवसर पर एएनएम ममता, आशा कार्यकर्त्ता मनोरमा भारती और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गीता देवी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
ऐसे दें ओआरएस का घोल
• दो माह से कम आयु के बच्चे को पांच चम्मच ओरआरएस घोल प्रत्येक दस्त के बाद।
• दो माह से दो वर्ष तक के बच्चे को एक चौथाई से आधा कप ओरआरएस घोल प्रत्येक दस्त के बाद।
• दो से पांच वर्ष तक के बच्चे को आधा कप से एक कप ओआरएस घोल प्रत्येक दस्त के बाद।
जिंक की गोली भी कारगर
• जिंक की गोली दस्त की अवधि और तीव्रता दोनों को कम करती है।
• यह गोली तीन महीने तक दस्त से सुरक्षित रखती है।
• यह लंबे समय तक शरीर की क्षमता बढ़ाती है।
• दो से छह माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली पानी या मां के दूध के घोल में दें।
• छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को जिंक की एक गोली देनी है।
Also read