अवधानामा संवाददाता
कुशीनगर (अवधनामा ब्यूरो)। कुशीनगर की सियासत से गहरा नाता रखने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर लोकसभा से चुनाव लड़ सकते हैं। इस सियासी चर्चा के बीच यह बात कही जा रही है कि वह कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में दम ठोक सकते हैं। इससे पूर्व भी वह इस सीट से बसपा से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।
स्वामी प्रसाद के कुशीनगर से उनके सियासी नाते की बात करें तो पहली बार वह वर्ष 2009 में बसपा के लोकसभा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे। तब कांग्रेस के आरपीएन सिंह से उनको मात मिली थी। इस हार ने भले ही जीत का सेहरा मौर्य के सिर नहीं बांधा, लेकिन मजबूत सियासी जमीन जरूर तैयार कर दी। इसी जमीन की बदौलत वह पडरौना विधानसभा लगातार तीन बार, वर्ष 2009 (उप चुनाव) में बसपा से और 2012 में बसपा से ही विधायक चुने गए। 2017 में उन्होंने बसपा छोड़ भाजपा का दामन थामा और पडरौना से जीत की हैट्रिक लगाई। इसके बाद एक बार फिर पाला बदला और साइकिल की सवारी कर ली। 2022 में सपा से फाजिलनगर विधानसभा से चुनाव लड़े और इस बार हार का सामना करना पड़ा। अब उनके कुशीनगर के चुनावी सफर और उनके जीत हार के गुणा गणित पर नजर डालें तो चुनावी मैदान में उनका उतरना निश्चित रूप से राजनीतिक समीकरण बदलेगा। इसके पीछे के राजनीतिक फैक्टर की बात करें तो पहला यह है कि कुशवाहा बिरादरी में उनकी अच्छी पकड़ रही है। दूसरा इस लंबे सियासी सफर में उन्होंने अपना राजनीतिक रसूख भी यहां मजबूत किया है। ऐसे में चुनावी जंग में इसका लाभ उनको मिलेगा तो चुनावी तस्वीर भी दिलचस्प होगी। मौर्य के एक करीबी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुशीनगर से चुनाव लड़ने की संभावना अभी फिफ्टी- फिफ्टी है। जैसा समीकरण बनेगा किया जाएगा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज सिंह ने बताया कि जिसको गठबंधन प्रत्याशी बनाएगा, कांग्रेस उसके साथ रहेगी।
ये है स्वामी का सियासत
स्वामी प्रसाद मौर्य में पडरौना विधानसभा लगातार तीन बार वर्ष 2009 (उपचुनाव) में बसपा से और 2012 में बसपा से ही विधायक चुने गए। 2017 में उन्होंने बसपा छोड़ भाजपा का दामन थामा और पडरौना से जीत की हैट्रिक लगाई। इसके बाद एक बार फिर पाला बदला और साइकिल की सवारी कर ली। 2022 में सपा से फाजिलनगर विधानसभा से चुनाव लड़े और इस बार हार का सामना करना पड़ा।