जायरीन नजफ़ से करबला 80 किलोमीटर की करेंगे पैदल यात्रा
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। हर शिया मुसलमान की ख्वाहिश होती है कि अपनी जिंदगी में एक बार शिया मुसलमानों के चौथे खलीफा व हज़रत मोहम्मद साहब के दामाद इमाम हज़रत अली अस व उनके बेटे हज़रत इमाम हसन अस और इमाम हुसैन अस सहित अन्य रौज़े की ज़ियारत करे। रविवार को क्षेत्र के उपनगर हल्लौर से जायरीनो का तीसरा काफिला कर्बला के बहत्तर शहीदो का अरबईन (चेहलुम ) मनाने के लिए रवाना हुआ। इस काफिले में 9 मर्द व 6 ख्वातीन शामिल है।
रवानगी से पहले उपनगर हल्लौर स्थित वक्फ शाह आलमगीर सानी में मजलिस का आयोजन किया गया। जिसे ज़ाकिरे अहलेबैत जमाल हैदर करबलाई ने इन धार्मिक स्थलों की विशेषता के साथ नजफ़ से करबला पैदल यात्रा पर और घटनाओं पर विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने जायरीन से अपील की कि वह कर्बला से लौटने के बाद अपनी जिंदगी और किरदार मे तब्दीली लाते हुए मकसदे हुसैन को अपनी जिंदगी मे शामिल करे। अंत मे हज़रत इमाम हुसैन अस की शहादत का मसाएब बयान किया तो हर तरफ रोने की आवाज़ सुनाई दी।
सकुशल यात्रा के लिए सभी लोगों ने गले मिलकर सकुशल वापसी की अल्लाह की बारगाह में दुआएं की। बताते चले कि नजफ से करबला 80 किलोमीटर की पैदल यात्रा के लिए हल्लौर से मुनव्वर रज़ा, इरफ़ान अली, रिज़वान अली, मोहम्मद हैदर शब्लू, सज्जाद हुसैन साहिल, हसन रूहुल, नाजनीन फातिमा, महज़बीन फातिमा, हसन अब्बास, महज़बीन फातिमा, निशात फातिमा, मोहम्मद अकबर, शबाना फातिमा, हिना रिज़वी, साकिब अब्बास जा रहे। मजलिस के दौरान रिज़वान हैदर, बशीर हसन, जलाल हैदर, अख्तर जमील, आफ़ताब मीरा ऑफसेट, कामयाब, ख़ुशतर, मंजर, नेहाल एसके, वजीहुल हसन, रज्जब अली, शब्बीर हसन, फहीम हैदर, नफीस हैदर, आले रज़ा, बेताब हल्लौरी, हबीबुल हसन, रेहान, रिज़वान हैदर, जलाल, अब्बास अली, आबिद, वसी हैदर, कायनात, जानेसार अख्तर, अज़ीम हल्लौरी, बशीर हसन, इकबाल मेंहदी, खेसाल मास्टर, काज़िम रज़ा सुड्डू, अज़ीम हैदर, नफीस, तनवीर हसन, शम्स हैदर आदि लोग मौजूद रहे।