अवधनामा संवाददाता
कानपुर, ताजुश्शरिया मुफ्ती अख्तर रजा खां अजहरी आला हजरत मौलाना अहमद रजा खां बरेलवी के परपोते अपने जमाने के धर्मगुरुओं और बड़े-बड़े मुफ्तियों में भारी कद्दावर मौलाना थे आप जुबान व बयान और सर्च व रिसर्च पर महारत रखने के साथ-साथ विभिन्न पुस्तकों के ना सिर्फ लेखक ये बल्कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के इश्क में पूरे तौर पर डूबे हुए थे।ऑल इंडिया गरीब नवाज काउंसिल के शहरी अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद महताब आलम कादरी मिस्बाही ने मोहल्ला हीरामन पुरवा में सरकार ताजुश्शरिया के उर्स के जलसा में व्यक्त किया। मौलाना ने कहा कि हुजूर ताजुश्शरिया अजहरी मियां साहब किब्ला रहमतुल्ला अलैह आला हजरत के परपोते थे। आप अपने परदादा आला हजरत बरेलवी की शिक्षा और शिक्षा विधि और अखलाक में पूरे तौर पर सच्चे वारिस थे। आप केवल अरबी, फारसी, उर्दू, कुरान, हदीस और तफसीर के ही विद्वान ना थे बल्कि अंग्रेजी क्लासकी जुबान पर भी महारत रखते थे। आपकी अंग्रेजी भाषा में स्पीच सुनकर इंग्लैंड, अमेरिका और साउथ अफ्रीका आदि के विद्ववान लोग झूम उठते और प्रशंसा करते ना थकते। जलसे की शुरुआत हाफिज अब्दुल हफीज बरकाती ने कुरान शरीफ की तिलावत से किया मौलाना इकबाल बेग कादरी ने नात व मनकबत पेश किया जबकि जलसे की अध्यक्षता मुफ्ती नजमुद्दीन कादरी ने और उसका संचालन शब्बीर अशरफी कानपुरी ने अंजाम दिया। इस अवसर पर मौलाना गुलाम हसन हाफिज जीशान, हाफिज आसिफ, नजीर खान, इकबाल नूरी हशमत नूरी आदि उपस्थित रहे।