अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। इमाम हुसैन (अ.स) का ग़म आज पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है इमाम हुसैन ने इंसानियत की राह में अपना पूरा घर बार कुर्बान कर दिया। ये बात देवा रोड स्थित स्वर्गीय अली शब्बर साहब के अज़ाखाने में क़दीमी जुलूसे सफ़र की मजलिस को संबोधित करते हुए आली जनाब मौलाना आग़ा अली साहब (प्रोफेसर नाज़िमिया लखनऊ) ने कहीं उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन का ग़म ऐसा गम है जो हर जाति और मज़हब के लोग मनाते हैं और उनकी कुर्बानी को याद करते हैं उन्होंने आगे कहा कि दुनिया का पहला आतंकवादी का नाम यज़ीद है जिसने इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों को तीन दिन का भूखा प्यास शाहिद कर दिया। अंत मे मौलाना ने कर्बला के दर्दनाक मसायब बयान किये जिसे अज़ादार सुनकर रोने लगे मजलिस से पूर्व शायर-ए-अहले बैत कशिश संडेलवी, मुज़फ्फर इमाम, गोलू इमाम, नजफ अब्बास, मोहम्मद अब्बास, अहमद अब्बास, क़ायम हसन (अर्श), अबान हुसैन, अली ने नज़राने अक़ीदत पेश की। मजलिस के बाद अलम, ताबूत व जुल्जनाह निकाला गया जिसकी अज़ादारो ने ज़ियारत की। जुलूस के दौरान अंजुमन गुलदस्ते हैदरी, अंजुमन गुंचे-ए-अब्बासिया, अंजुमन ग़ुलामे अस्करी ने नौहाख्वानी व सीनाजनी की। जुलूस अपने पुराने रास्ते देवा रॉड, रफी नगर दुर्गापूरी होता हुआ लगभग 10 बज़े अस्करी हाल पहुँचा जहाँ पर अंजुमनों ने नौहाख्वानी व सीनाजनी की बादे जुलूस अंजुमन ग़ुलामे अस्करी के साहेबे ब्याज़ नजफी अब्बास, अली, जौहर अब्बास, ने अलविदाई नौहा पढ़ा। उसके बाद इमामे जुमा मौलाना मोहम्मद रज़ा रिज़वी ने अलविदाई मजलिस को ख़िताब किया। जुलूस के दौरान रास्ते में स्व मेंहदी अली, ताकिउंल हसन ज़ैदी, इफ़्तेख़ार हुसैन, रिज़वान अली, स्व तहज़ीब अस्करी के आवास पर अज़ादारों के लिए पानी, शर्बत, चाय, बिस्कुट का भी एहतमाम किया गया। जुलूस की समाप्ति के बाद कल्बे जावेद अली, अकबर मेंहदी, परवेज़ रज़ा, मोहम्मद शब्बर, क़ायम हसन (अर्श) अली रिज़वी (ग़दीर) ने सभी अज़ादारो व प्रशासन का शुक्रिया अदा किया।