विलुप्त हो रही लोक संस्कृतियों को सहेजने और संवारने का प्रयास हुनर रंग महोत्सव

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अवधनामा संवाददाता

आजमगढ़। भारत क़ी विलुप्त हो रही लोक संस्कृतियों को सहेजने और संवारने का प्रयास करते हुए हुनर रंग महोत्सव के चौथे दिन आज पूरे देश की लोक संस्कृतियों को प्रदर्शित करते हुए राष्ट्रीय एकता अखंडता का संदेश देते रंग यात्रा का आयोजन नगर के प्रमुख मार्गों पर किया गया। जिसमें विभिन्न प्रदेशों के कलाकार अपने अपने पारंपरिक वेशभूषा में नगर की सड़कों को मंच बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन करते रहे। जिन्हें देख कर नगर का आमजानस जनमानस अचंभित था कलाकारों का जोश व हुनर देखने लायक था। अग्रवाल धर्मशाला से प्रारंभ हुई इस रंग यात्रा को समाजसेवी अभिषेक जायसवाल दीनू ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रंग यात्रा पुरानी कोतवाली, तकिया,कोट, दलालघाट, कालीनगंज से चौक, मातबरगंज से वापस होते चौक पुरानी कोतवाली अग्रवाल धर्मशाला पर समाप्त हुई। इस रंग यात्रा में रंग यात्रा में सबसे आगे हुनर संस्थान आजमगढ़ के बच्चे ढोल नगाड़े पे नृत्य करते हुए चल रहे थे और उनके पीछे क्रम से अविराम भोपाल मध्य प्रदेश, पथ जमशेदपुर झारखंड, प्रभाव क्रिएटिव सोसाइटी आरा बिहार, श्रवण डांस ग्रुप कैमूर बिहार, संदेश सांस्कृतिक मंच फिरोजाबाद, शारदा नाट्य मंच धनबाद, महाराष्ट्र से सुषमा दिलीप जावलकर,असम से विजयलक्ष्मी शर्मा व स्मृति कश्यप, वाराणसी से संदीप व मिर्जापुर से अमन सिंह अपने नृत्य की प्रस्तुति करते चल रहे थें। सबके आकर्षण का केंद्र नीता नृत्यआँगना ढेकानाल व निखिला उत्कल कला निकेतन उड़ीसा की टीमें रही। रंगयात्रा क़ो सफल सफल बनाने में संस्थान के अध्यक्ष मनोज यादव,गौरव मौर्य, हेमंत श्रीवास्तव, डॉ मनोज शर्मा, रवि चौरसिया, राकेश कुमार, अमरजीत विश्वकर्मा,अनुराधा राय, काजल सिंह, करिश्मा सिंह, ख़ुशी खरवार, शिवांगी सिंह, कशिश गुप्ता सहित संस्थान।

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