हिमाचल प्रदेश में मंद पड़े मानसून की सक्रियता से एक बार फिर जोरदार वर्षा होने की आशंका है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन यानी 13 जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश भागों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। अलर्ट के मददेनजर विभाग ने लोगों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों व नदी-नालों के समीप न जाने की हिदायत दी है। 17 जुलाई तक प्रदेश में मौसम के खराब रहने का अनुमान है। इस बीच आज राजधानी शिमला सहित राज्य के अन्य हिस्सों में बादल छाए हैं। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में मानसून की रफ्तार धीमी हुई है।
बीते 24 घंटों के दौरान सोलन जिला के कसौली में सर्वाधिक 38 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इसके अलावा सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में 22 व नाहन में 13, कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में नौ मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। मानसून के मंद पड़ने से भूस्खलन की घटनाओं में कमी आई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक गुरूवार सुबह तक प्रदेश भर में भूस्खन से 12 सड़कों के अवरूद्ध होने से वाहनों की आवाजाही ठप रही। इसके अलावा छह बिजली ट्रांसफार्मर और एक पेयजल परियोजना बाधित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शिमला जिला में पांच, मंडी में चार और कांगड़ा में तीन सड़कें अवरूद्ध हुई हैं। चंबा जिला में चार और कुल्लू व मंडी में एक-एक ट्रांसफार्मरों के बंद होने से बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। बिलासपुर जिला में एक पेयजल आपूर्ति भी ठप पड़ी है।
मानसून सीजन में 171 करोड़ का नुकसान
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक मानसून सीजन के शुरूआती दो हफ्तों में सरकारी विभागों को करीब 171 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। इसमें अकेले लोकनिर्माण विभाग को 101 करोड़ रूपये की क्षति पहुंची है। प्रदेश में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी। मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में बहने की विभिन्न घटनाओं में आठ लोगों की जान गई है। वहीं पहाड़ी से फिसलकर गिरने के कारण छह लोग मारे गए हैं।