Sunday, May 18, 2025
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कैसे हुआ चीन में अरबो का नुकसान

How the loss of arbo in China

म्यांमार (Myanmar) में सैन्य तख्तापलट का समर्थन करना चीन को भारी पड़ता दिख रहा है। चीनी निवेश वाली कुल 32 फैक्ट्रियों पर हमले होने के बाद चीन को नुकसान झेलना पड़ रहा है। लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने म्यांमार (Myanmar ) की क्रूर सेना की सहायता करने पर अपना गुस्सा चीनी फैक्ट्रियों पर निकाला है।

म्यांमार (Myanmar) के शहर यंगून (Yangon )में चीन के निवेश वाली करीब 32 फैक्ट्रियां हैं जिन पर हमले हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने इन फैक्ट्रियों में आगजनी (Arson ) की और साथ ही कई सारी फैक्ट्रियों को लूटा भी। दरअसल, म्यांमार (Myanmar) में तख्तापलट (Coup ) के पीछे चीन (China ) का हाथ बताया जा रहा है, जो लंबे समय से वहां की लोकतांत्रित सरकार (Democratic government ) से खुश नहीं था।

म्यांमार (Myanmar) में स्थित चीनी दूतावास (Chinese Embassy) के अनुसार, यंगून (Yangon ) में चीन चीन (China ) कुल 32 फैक्ट्रियों पर हमले में लगभग 260 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान (loss ) हुआ है। इन फैक्टरियों में काम करने वाले चीन के दो नागरिक भी घायल हुए हैं।

उधर, चीनी विदेश मंत्रालय (foreign Ministry ) ने हमले को रोकने और चीनी कर्मचारियों (Chinese employees ) व उद्यमों (Enterprises ) की सुरक्षा सुनिश्चित (Ensure safety)  करने के लिए म्यांमार (Myanmar) की सेना से बात की है। साथ ही चीन ने हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों को दंडित करने को भी कहा है।

चीनी सरकार के इस फैसले के बाद म्यांमार (Myanmar)  की सैन्य सरकार ने इन फैक्ट्रियों वाले इलाके में मार्शल लॉ घोषित कर दिया है। म्यांमार (Myanmar) के आम लोगों ने चीन के इस बयान की कड़ी निंदा की है। म्यांमार  (Myanmar) के लोगों में चीन के खिलाफ आक्रोश रोजाना बढ़ता जा रहा है।

सोशल मीडिया (social media ) पर दस लाख से अधिक लोगों ने चीन (China )के बयान की निंदा की है। एक यूजर ने लिखा कि हम पूरी तरह से अपने हितों के लिए खड़े होकर चीनी दूतावास (Chinese Embassy ) के बयान की कड़ी निंदा करते हैं।

शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन (Peaceful protest ) के दौरान सैकड़ों लोगों की जान जाने के बावजूद चीन सैन्य शासन (China military rule ) की निंदा (Condemnation ) करने में विफल रहा है। ऐसे ही कई सारे यूजर्स ने सोशल मीडिया (social media ) पर चीन के खिलाफ बातें लिखी हैं।

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