हांगकांग में ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन- चीन विरोधी आंदोलन के 6 माह पूरे | जनता ने विशाल रैली निकाली

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हांगकांग : हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे प्रदर्शन के 6 महीने पूरे होने के अवसर पर रविवार को बड़ी संख्या में लोगों ने विशाल रैली निकाल आंदोलन के प्रति समर्थन व्यक्त किया।

इस मौके पर उन्होंने चीन समर्थक नेताओं को चेतावनी दी कि इस राजनीतिक संकट को हल करने के लिए उनके पास आखिरी मौका है। हजारों की संख्या में लोग सर्द मौसम होने के बावजूद हांगकांग के वित्तीय केंद्र की सड़कों पर आ रहे हैं और महीनों बाद प्रदर्शनकारियों का इतने बड़े पैमाने पर शक्तिप्रदर्शन होता दिख रहा है। दुर्लभ घटना के तहत पुलिस प्रशासन ने रैली की अनुमति दी है। पुलिस ने सिविल ह्यूमन राइट्स फ्रंट के बैनर तले आयोजित इस विरोध रैली को इजाजत दी थी। इस विरोध मार्च से ठीक पहले 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने इनके पास से पिस्टल, 105 जिंदा कारतूस, चाकू और दूसरे हथियार बरामद किए। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, विरोध मार्च में इस पिस्टल का इस्तेमाल किया जा सकता था।

चीन की ओर से रियायत नहीं देने पर नाराजगी

यह रैली स्थानीय चुनाव में चीन समर्थक पार्टियों को मिली करारी हार के दो हफ्ते बाद हुई, जो पहले दावा कर रही थी कि बहुमत आंदोलन के खिलाफ है। प्रदर्शन में शामिल कई लोगों ने मुख्य कार्यकारी कैरी लैम और चुनाव में करारी हार के बावजूद चीन की ओर से रियायत नहीं देने पर नाराजगी व्यक्त की।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के आदेशों का अनुपालन करेगी सरकार

प्रदर्शन में शामिल 50 वर्षीय वोंग उपनाम के व्यक्ति ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम अपनी भावनाएं किस रूप में रखते हैं, चाहे शांतिपूर्ण मार्च हो या सभ्य तरीके से किया गया चुनाव, सरकार नहीं सुनेगी। वह केवल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के आदेशों का अनुपालन करेगी।’ उल्लेखनीय है कि हांगकांग चीन का अर्ध स्वायत्त क्षेत्र है जिसे ब्रिटेन ने 1997 में 100 साल की लीज पूरी होने के बाद चीन को सौंपा था, लेकिन बीजिंग की ओर से अधिनायकवादी शासन लागू करने की कोशिश के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन लगातार हिंसक होते जा रहे हैं। प्रदर्शनकारी लोकतांत्रिक अधिकारों को कायम रखने के साथ प्रदर्शन के दौरान की गई पुलिस ज्यादती की निष्पक्ष जांच, हिरासत में लिए गए लोगों को आम माफी और स्वतंत्र चुनाव की मांग कर रहे हैं।

आखिरी सांस तक लड़ने का संकल्प

आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए सिविल ह्यूमन राइट्स फ्रंट के संयोजक जिम्मी शाम ने कहा, ‘यह पूरी तरह से तानाशाही है। मानवाधिकारों को कुचलने के लिए ऐसे कदम सिर्फ एक तानाशाह उठाता है।’ विक्टोरिया पार्क में बैठी 40 साल की एक महिला आंदोलनकारी ने कहा, ‘आजादी के लिए हम अंतिम सांस तक लड़ेंगे।’ 33 साल की तमारा वांग ने कहा कि सरकार जनता की मांगों को अनसुना कर रही है। इससे सरकार के खिलाफ जनता का विरोध बढ़ेगा। सरकार को शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों से वार्ता करनी चाहिए।

दो अमेरिकी नागरिकों मकाउ जाने से रोका

पुलिस ने हांगकांग में दो अमेरिकी कारोबारियों को चीन के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र मकाउ जाने से रोक दिया। दोनों अमेरिकी नागरिक अपने कारोबार के सिलसिले में हांगकांग से सटे मकाउ जाना चाहते थे। हांगकांग में प्रदर्शनकारियों के समर्थन वाले एक विधेयक के अमेरिकी संसद से पास होने और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद चीन ने इस पर कड़ा एतराज जताया था। चीन ने इसे अपने आंतरिक मामले में दखल बताते हुए अमेरिका को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।

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