किसान की मेहनत पर पानी फेर रहे छुट्टा मबेशी:बाड़ लगा कर खेती करने को मजबूर किसान

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कूरेभार /सुलतानपुर – एक तरफ सरकार और कृषि बैज्ञानिकों द्वारा किसानों को आधुनिक खेती करने के लिए अनुदान एवं नई नई तकनीकों से लैश कर प्रोत्साहित किया जारहा है। जिससे उनकी हालात को सुधारा जा सके। लेकिन इस समय किसानों के दुश्मनों में काफी इजाफा हो चुका है। जिससे कास्तकार काफी हताश नजर आ रहे हैं।पहले फसलों का दुश्मन केवल चूहा को माना जाता था, लेकिन इस समय इनके अलावा नील गाय, जंगली सूअर, तथा आवारा पशुओं द्वारा किसान की फसलों को पूरी तरह से चट करते देखा जा सकता है।

 

बड़ी जद्दोजहद के बाद योगी सरकार ने किसानों के हितों को देखते हुए इन पशुओं के लिए जगह जगह पर गोशाला बनवाया। लेकिन ये सिर्फ खानापूर्ति ही नजर आ रहा है। अभी भी खेतों व सड़कों पर छुट्टा पशुओं का झुंड का झुंड घूमते देखा जा सकता है। यही नहीं इनकी वजह से सड़कों पर भी आये दिन दुर्घटनाएँ भी होती रहती हैं।हम बात कर रहे हैं, विकासखंड कूरेभार में सैदखानपुर के लुशहा गाँव के किसान मु० हफीज सिद्दीकी की। जो बताते हैं कि हमारी फसलें हमेशा छुट्टा मवेशी तथा जंगली जानवर खा जाते थे, जिससे फसलें पूरी तरह से नष्ट हो जातीं थी। घर पर एक दाना भी नहीं जाता था। इस समस्या से निजात पाने के लिए हमने अपने खेतों के चारों तरफ से कटीले तारों से बाड़ लगाया। जिसमें काफी पैसा खर्च भी हुआ, लेकिन अब हमारी फसलें पूरी तरह से सुरक्षित हैं। अगर सरकार इस समस्या का समाधान करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो,छोटे मोठे कास्तकारों का खेती किसानी से मोह भंग हो जायेगा। और खेती बाड़ी काफी प्रभावित हो जाएगी, तथा फसलों की उपज में भारी कमी आ जायेगी

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