अवधनामा संवाददाता
फीता काटा कबूतर व गुब्बारे उड़ाए बैंड बाजे की गूंजी धुन
देवा बाराबंकी। देवा शरीफ की धरती पर सैय्यद कुर्बान अली शाह की याद में लगने वाले देवा मेला का आगाज आज हो गया। जिलाधिकारी की धर्मपत्नी डॉ सुप्रिया ने शेख मोहम्मद हसन गेट पर फीता काटकर मेला का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने शांति के प्रतीक कबूतर व गुब्बारा भी आसमान में छोड़े। बैंड बाजे व शहनाई की धुन ने इस आयोजन में चार चांद लगा दिए।
बताते चलें कि देवा मेला नारी सशक्तीकरण की भी मिसाल है। इसके शुभारंभ की बागडोर डीएम की धर्मपत्नी के हाथ में रहती है, वहीं समापन एसपी की पत्नी के हाथों होगा। मेला परिसर में बना शेख मोहम्मद हसन गेट दशकों से हाजी वारिस अली शाह द्वारा महिलाओं को तरजीह दिए जाने का साक्षी बना है।
सूफी संत हाजी वारिस अली शाह ने समाज को एकेश्वरवाद और परस्पर सौहार्द का संदेश दिया। हाजी वारिस अली शाह महिलाओं को तरजीह के हिमायती थे। इसी से उनके वालिद के मेले का शुभारंभ आज भी परंपरानुसार जिले के कलेक्टर और समापन कप्तान की पत्नी के हाथों होता है। शहनाइयों, बैंड-बाजे और आतिशबाजी के बीच शेख मोहम्मद हसन गेट पर फीता काटकर मेले का आगाज होता है। शांति के प्रतीक कबूतर उड़ाकर दुनिया को अमन का संदेश दिया जाता है। अपने निर्माण काल से शेख मोहम्मद हसन गेट मेले की पहचान बन चुका है। वहीं, कार्तिक उर्स में दादा मियां का कुल शरीफ भी सुहागिन महिलाओं के सबसे बड़े पर्व करवाचौथ को होता है।