इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देश भर के विभिन्न विधि विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं की तरफ से दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार एवं प्रयागराज के अग्निशमन अधिकारी से जवाब तलब किया है। पूछा है, वे बताएं कि शहर के सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं में आग से सुरक्षा एवं संरक्षा के क्या उपाय किए गए हैं। हाईकोर्ट ने अधिकारियों से 26 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।यह आदेश चीफ जस्टिस अरुण भंसाली एवं जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने रिचिका सिंह समेत कई विधि छात्रों की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। सभी याची विधि छात्र चीफ जस्टिस की कोर्ट में एक कतार बनाकर खड़े थे।जनहित याचिका में प्रयागराज के 24 विभिन्न सरकारी बिल्डिंग्स, निजी प्रतिष्ठानों की अग्नि सुरक्षा उपायों को लेकर एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तैयार किया गया था। जिसमे यह पता चला कि प्रयागराज में उक्त बिल्डिंगों में फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट 2005 का अनुपालन नही हो रहा है। फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट को आधार बनाकर जनहित याचिका छात्रों की तरफ से दाखिल की गई थी।केस की सुनवाई के समय राज्य सरकार की तरफ से सरकारी अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए अग्निशमन विभाग की तरफ से शार्ट इंस्ट्रक्शन पेश किया। जिस पर कोर्ट संतुष्ट नही थी तथा सरकारी अधिवक्ता को इस मामले में विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जवाब न केवल उन्हीं सरकारी अथवा गैर सरकारी प्रतिष्ठानों को लेकर देना होगा बल्कि उस क्षेत्र के आसपास के सभी प्रतिष्ठानों के सम्बन्ध में देना होगा। कोर्ट इस जनहित याचिका पर 26 जुलाई को पुनः सुनवाई करेगी।
हाईकोर्ट ने सरकारी एवं गैर सरकारी प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा को लेकर मांगा जवाब
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