अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट में आक्सीजन किल्लत को लेकर हुई सुनवाई में अदालत ने केन्द्र सरकार से इस मुद्दे पर ज़रूरी कदम उठाने के लिए कहा है. सुनवाई के दौरान केन्द्र और दिल्ली सरकार ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए.
दिल्ली सरकार ने कहा केन्द्र सरकार आक्सीजन मुद्दे पर सिर्फ आदेश ही जारी कर रही है लेकिन साथ ही आक्सीजन सप्लाई अटकाने का काम ही कर रही है. केन्द्र सरकार ने इस मुश्किल से निबटने के लिए कोई मज़बूत कदम नहीं उठाया है. दिल्ली सरकार ने अदालत से मांग की कि वह केन्द्र की ज़िम्मेदारी तय करे.
हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली और मुम्बई के अलावा कुछ राज्यों से आक्सीजन किल्लत की खबरें आ रही हैं. दिल्ली में कई अन्य राज्यों के मरीज़ भी भर्ती होने के लिए आ रहे हैं. इलाज के लिए दिल्ली आने वाले किसी भी मरीज़ को मना नहीं किया जा सकता है.
केन्द्र सरकार की तरफ से अदालत को बताया गया कि केन्द्र सरकार के लिए दिल्ली के लोग भी उतने ही ज़रूरी हैं जितने कि अन्य राज्यों के. केन्द्र के पास सभी राज्यों की डिमांड आ रही है और केन्द्र सभी की डिमांड को पूरा करने की कोशिश कर रहा है. केन्द्र ने अदालत से कहा कि मौजूदा समय में दिल्ली की मांग 700 मीट्रिक टन आक्सीजन की है. दिल्ली की 330 से 340 मीट्रिक टन आक्सीजन मुहैया कराई जा रही है.
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हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा कि अस्पतालों में बिस्तर खाली हैं क्योंकि आक्सीजन कम है. इस परेशानी को केन्द्र जल्दी सुलझाए. अदालत ने कहा कि अस्पतालों में आक्सीजन सप्लाई बढ़ाने के लिए केन्द्र तत्काल ज़रूरी कदम उठाये.