आगरा। शाही हम्माम छिपी टोला आगरा में आज आयोजित विरासत विदाई वॉक ने शहर के इतिहास प्रेमियों और जागरूक नागरिकों का ध्यान आकर्षित किया। यह वॉक बिजलीघर से शुरू हुई और शाही हम्माम के मुख्य द्वार पर समाप्त हुई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति समाज और प्रशासन को जागरूक करना था। कार्यक्रम के दौरान चर्चा हुई कि किस प्रकार उपेक्षा और विरासत के प्रति प्रेम की कमी के कारण ऐतिहासिक स्थलों को अपूरणीय क्षति हो रही है। वक्ताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकारी विभाग और प्रशासनिक संस्थान इन धरोहरों की जिम्मेदारी लेने में असफल रहे हैं। स्थानीय निवासियों के मुद्दों पर भी बात हुई, जो वर्षों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं।
कार्यक्रम के कार्यान्वयन के मुख्य बिंदु:
वॉक के दौरान, आत्मीय इरम, संस्थापक अध्यक्ष, जर्नी टू रूट्स, ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह धरोहरों के प्रति प्रेम की कमी और प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐतिहासिक स्थलों को अपूरणीय क्षति हो रही है। उन्होंने शहरवासियों को इस मुद्दे पर जागरूक करने और एकजुट होने की अपील की। शांतनु, हेरिटेज हिंदुस्तान से, जिन्होंने इस मुद्दे को पहली बार कवर किया और सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाने की शुरुआत की थी, ने भी अपने विचार साझा किए। ताहिर और कलीम अहमद, आगरा हेरिटेज वॉक के प्रतिनिधियों ने विदाई वॉक का विचार प्रस्तुत किया था, ताकि शहरवासी इन स्थलों के महत्व को समझें, अर्सलान, हेरिटेज विद अर्सलान, और भानु, ने सोशल मीडिया पर कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अन्य विशिष्ट उपस्थिति:
सिविल सोसाइटी आगरा के संस्थापक सदस्य अनिल शर्मा ने इस कार्यक्रम को औपचारिक रूप से सफल बनाने में सहयोग किया। गाइड्स एसोसिएशन के सदस्य, मुकुल पंड्या और योगेश , ने कार्यक्रम में अपने ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ संजय चतुर्वेदी, राज सक्सेना, नेवीश के साथ-साथ शहर के सम्मानित नागरिक, जैसे जितेंद्र, नेहा, गगन, अरहान, डॉ. इमरान आदि ने भी भाग लिया।
संवेदनशील मुद्दे:
चर्चा के दौरान यह भी सामने आया कि शाही हम्माम जैसे ऐतिहासिक स्थलों में रहने वाले स्थानीय निवासी, जो बेहद गरीब हैं और वर्षों से किराए पर रह रहे हैं, इस क्षेत्र के स्थायी निवासी बन चुके हैं। प्रशासन की लापरवाही और उचित योजना के अभाव ने इस स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
कार्यक्रम का समापन:
कार्यक्रम का समापन देशभक्ति गीत “हम होंगे कामयाब” के गायन के साथ हुआ, जिससे प्रतिभागियों में राष्ट्रप्रेम और धरोहर संरक्षण के प्रति जागरूकता का भाव जागृत हुआ। अंत में, सभी ने मोमबत्तियां जलाकर और फूल अर्पित करके शाही हम्माम को एक भावपूर्ण विदाई दी गई, जो सभी शहर वासियों के लिये जाग्रत होने का इक प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति थी |
आयोजकों का संदेश:
आयोजकों ने कहा कि यह वॉक शाही हम्माम और अन्य धरोहर स्थलों के संरक्षण के प्रति समाज और प्रशासन को जागरूक करने का एक छोटा प्रयास है। इस तरह के प्रयासों से शहरवासियों में अपने इतिहास और संस्कृति के प्रति प्रेम और सम्मान जागृत होगा।
बता दें कि शाही हम्माम आगरा के इतिहास और वास्तुकला का एक अनमोल हिस्सा है। यह स्थल न केवल मुगलकालीन शिल्प कौशल की झलक देता है, बल्कि उस समय के सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश को भी दर्शाता है। लेकिन दुर्भाग्यवश, आज यह स्थल उपेक्षा और संरक्षण के अभाव में अपनी पहचान खोने के कगार पर है। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों की उदासीनता ने इसे खतरनाक स्थिति में पहुंचा दिया है। अब ये सम्पत्ति निजी हाथों में चली गई है और जिस कारण ये जल्दी ही गिराए जाने के कगार पर है I
राष्ट्रीय लोक दल के पूर्व प्रवक्ता और कवि पवन आगरी पर मुकदमा दर्ज
आगरा। आगरा के कवि व रालोद के पूर्व प्रवक्ता पवन आगरी पर ताज लिटरेचर क्लब की संचालिका भावना वरदान शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराया है। थाना छत्ता में दर्ज कराए मुकदमे में आरोप लगाए हैं कि वह 10 वर्ष से ताज लिटरेचर क्लब नाम से संस्था संचालित कर रही हैं, संस्था में पवन आगरी भी सदस्य थे जिन्हें दो साल पूर्व निष्कासित कर दिया था।
भावना शर्मा ने आरोप लगाए हैं कि कवि पवन आगरी ने कुछ दिन पहले एक व्हाटस एप ग्रुप पर ताज लिटरेचर फेस्ट नाम से साहित्य उत्सव के अयोजन की पोस्ट डाली। कई लोगों ने उनके पास फोन कर आयोजन में न बुलाने की शिकायत की, इस पर उन्होंने अपनी संस्था के नाम से हो रहे आयोजन का विरोध किया।
आरोप है कि इसके बाद पवन आगरी फोन और संदेश के जरिए अभद्रता, गाली गलौज और धमकी देने लगे। इस मामले में कवि पवन आगरी का मीडिया से कहना है कि उनकी संस्था है जबकि मेरा एक कार्यक्रम है। विवाद से बचने के लिए आयोजन का नाम भी बदल दिया, गलत आरोप लगाने पर कानूनी नोटिस दिया था। इस मामले में इंस्पेक्टर थाना छत्ता बृजेश गौतम ने मीडिया से कहा कि भावना वरदान शर्मा की शिकायत पर आपराधिक संचार और जानबूझकर अपमानित करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमे में बीएनएस की धारा 351 (2) और 352 में लगाई गई हैं। जांच के साथ ही विधिक कार्यवाही की जाएगी।
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