मध्यप्रदेश में पिछले दो माह से लगातार बरस रहे मानसून पर ब्रेक लग गया है। प्रदेश में अब भारी बारिश का दौर अगले एक सप्ताह थमा रहेगा। मानसून ट्रफ के प्रदेश से ऊपर निकलने और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कमजोर होने से ऐसा होगा। अब तक प्रदेश में औसत 24.4 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 65 प्रतिशत है। भोपाल, मंडला, सिवनी, नर्मदापुरम समेत 7 जिले ऐसे हैं, जहां पर 30 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। मंडला में सबसे ज्यादा 36.67 इंच बारिश हो चुकी है।
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून ट्रफ मध्यप्रदेश के ऊपर है। ईस्ट-वेस्ट ट्रफ भी गुजर रही है। ट्रफ साउथ राजस्थान से नॉर्थ केरल तक जा रही है। इस वजह से भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। एक सप्ताह तक ऐसा ही दौर रहेगा। हालांकि प्रदेश में गरज-चमक की एक्टिविटी बनी रहेगी। इससे आकाशीय बिजली गिरने या चमकने के मामले बढ़े रहेंगे। इसलिए बिजली चमकने के दौरान लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से भारी बारिश का दौर चल रहा है। इससे प्रदेश के डैम-तालाबों में पानी छलक उठा तो नदियां भी उफान पर रही। सोमवार को भी बारिश से छोटी-बड़ी नदियां उफान पर रही। बरगी, बाणसागर, कलियासोत, भदभदा जैसे 10 बड़े बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। जबलपुर में बरगी बांध 94 प्रतिशत भर गया है। 17 गेट से पानी छोड़ा गया। सोमवार को भोपाल में दिनभर रिमझिम बारिश का दौर चला। शाम को भी कुछ देर के लिए तेज बारिश हुई।
प्रदेश के पश्चिमी हिस्से यानी, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में औसत से 26 प्रतिशत और पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में औसत से 19 प्रतिशत बारिश अधिक हो चुकी है। प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश मंडला जिले में 36.67 इंच हुई है, जो नॉर्मल बारिश से करीब 11 इंच अधिक है। इसके बाद सिवनी में 34.83 इंच, नर्मदापुरम-रायसेन में 33 इंच और भोपाल में 32 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। दतिया में सबसे कम औसत 13 इंच बारिश ही हुई है।