हिमाचल में सात अगस्त तक भारी वर्षा की चेतावनी, येलो अलर्ट जारी

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हिमाचल प्रदेश में मानसून की सक्रियता से बादल जमकर बरसे रहे हैं। बीती रात राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी वर्षा हुई। लाहौल स्पीति जिला की पिन घाटी में बादल फटने से एक महिला की मौत हो गई। महिला की पहचान 55 वर्षीय जंगमो निवासी सगनम के रूप में हुई है। बादल फटने के बाद सगनम नाले में आई बाढ़ में एक गाड़ी भी मलबे में दब गई। स्थानीय प्रशासन द्वारा देर रात तक प्रभावित क्षेत्र में राहत व बचाव कार्य चलाया गया।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी सात अगस्त तक राज्य में भारी वर्षा की चेतावनी दी है। मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में भारी वर्षा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों को नदी-नालों से दूरी बनाने की अपील की गई है। भूस्खलन सम्भावित इलाकों की यात्रा न करने की हिदायद दी गई है। राज्य में नौ अगस्त तक मौसम के खराब रहने की संभावना है।

बीती रात मंडी जिला के सुंदरनगर में सर्वाधिक 85 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। इसके अलावा गोहर में 80, शिलारू में 76, पांवटा में 67, पालमपुर में 57, धर्मशाला में 55, चौपाल में 52 और कांगड़ा में 46 मिलीमीटर वर्षा हुई। रिकांगपिओ, ताबो, सियोबाग, ऊना और मशोबरा में तूफान चला वहीं कांगड़ा सुंदरनगर व पालमपुर में तेज गर्जना हुई।

मंडी-पंडोह नेशनल हाइवे भूस्खलन से बंद

मंडी से पंडोह के बीच में नेशनल हाईवे तीन स्थानों -5 मील, 6 मील तथा 9 मील पर रात को भारी बारिश तथा मलबा गिरने से बंद है। मंडी प्रशासन ने भारी बारिश के कारण बीती रात 9:30 बजे इस हाईवे पर ट्रैफिक बंद कर दिया था। कुछ छोटी गाड़ियों को वाया कटौला तथा बाया गोहर भेजा जा रहा है लेकिन बड़ी संख्या में दोनों तरफ वाहन फंसे पड़े हैं।

मंडी पुलिस के मुताबिक पंडोह तथा औट के बीच में हालांकि नेशनल हाईवे खुला है लेकिन द्योड नाला एवं जोगनी माता मंदिर के पास नेशनल हाइवे क्षतिग्रस्त व तंग हो गया है और इन स्थानों पर पुलिस द्वारा वन वे ट्रैफिक पास करवाया जा रहा है जिससे जाम लग रहा है। मंडी पुलिस ने लोगों से अपील की है कि मंडी तथा कल्लू के बीच नेशनल हाईवे की इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए यात्रा करें।

शिमला के बाढ़ प्रभावित समेज गांव में लापता लोगों की तलाश जारी

शिमला जिला के रामपुर से सटे समेज में बीते बुधवार की रात आये सैलाब में लापता 36 लोगों की तलाश में तीसरे दिन सर्च अभियान जारी है। अभी तक बचाव टीमों को कोई कामयाबी नहीं मिली है।

एनडीआरएफ़ के असिस्टेंट कमांडेंट ऑफ़िसर कर्म सिंह ने बताया कि देर रात हुई बारिश के बाद समेज खड्ड में जलस्तर बढ़ हुआ है। लापता लोगों को ढूँढने के लिए समेज के साथ साथ सतलुज नदी पर भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है और समेज में लाइव डिटेक्टर की मदद भी ली जा रही है । उन्होंने कहा कि सभी जवान स्टार्च अभियान के लिए पुल निर्माण में जुटे हुए हैं ताकि खड्ड के पार जा कर सर्च ऑपरेशन चलाया जा सके हैं। प्रशासन की ओर से लापता लोगों की तलाश में समेज से कौल डैम तक 85 किलोमीटर के क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

कुल्लू, मंडी और शिमला ज़िले में छह शव बरामद

कुल्लू, मंडी और शिमला ज़िले में बादल फटने की घटनाओं में अब तक छह लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनमें पांच मंडी और एक कुल्लू ज़िला का है। आपदा प्रबंधन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 55 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है जबकि 25 लोग कुल्लू जिला के मलाणा में फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

राजस्व व आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव डीसी राणा ने बताया कि पानी के तेज बहाव की वजह से ब्यास नदी के नजदीक एक गांव में नौ लोग फंस गए थे, जिन्हें बाद में एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम ने रेस्क्यू किया। उन्होंने बताया कि रामपुर के समेेज में एनडीआरएफ के 70 जवान बचाव अभियान चला रहे हैं। इसके अलावा आईटीबीपी और एसडीआरएफ जवान भी बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। डीसी राणा ने बताया कि मलाणा में भी 20 से 25 लोगों के फंसे होने की जानकारी है। इनमें कुछ पर्यटक भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इनके पास खाद्यान्न सामग्री भी उपलब्ध है।

कुल्लू के निरमंड में सात अगस्त तक स्कूल बंद

कुल्लू जिला के निरमंड में बादल फटने की घटना के बाद आए बाढ़ से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और पुलों के सड़कों के टूटने से कई इलाकों का संपर्क कट गया है। वहीं कई स्कूल भवन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने निरमंड के कई स्कूलों को अगले चार दिन तक बंद रखने का निर्णय लिया है।

एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने बताया कि बाढ़ के चलते क्षतिगत हुए बागीपुल, समेज और जाओ स्कूल को आज से 7 अगस्त तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। इन स्कूलों में प्राइमरी स्कूल भी शामिल है। बता दें कि बीते दिनों बादल फटने के बाद आई बाढ़ में इन स्कूलों के भवन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रशासन द्वारा इन स्कूलों को किसी और भवन में शिफ्ट किए जाने की कोशिश की जा रही है।

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