हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिन मानसून के रफ्तार पकड़ने से प्रदेश भर में भारी वर्षा देखने को मिल सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 जुलाई व पहली अगस्त को राज्य के सात जिलों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है जबकि तीन जिलों में बारिश का येलो अलर्ट है। जिन सात जिलों में अगले दो दिन के लिए ओरेंज जारी किया गया है, उनमें ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले शामिल हैं। इसके अलावा चम्बा, कुल्लू और सोलन जिलों में येलो अलर्ट रहेगा।
मौसम विभाग के मुताबिक इस सप्ताह प्रदेश भर में तेज बारिश होने की संभावना है। आगामी पांच अगस्त तक समूचे राज्य में मौसम खराब रहेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र ने खराब मौसम के मद्देनजर लोगों से भूस्खलन के प्रति संवेदनशील इलाकों में न जाने की अपील की है। साथ ही कहा है कि लोगों को विशेष परिस्थितियों में यात्रा करने पर अतिरिक्त सतर्कता रखनी चाहिए। राज्य में हो रही बरसात से नदी-नाले उफान पर हैं और बांधों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घण्टे मानसून की रफ्तार धीमी रही और राज्य के कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हुई। इस दौरान सराहन व रोहड़ू में 12-12, सँगढाह में 10, जोगिन्दरनगर में आठ, सैंज, मनाली व रामपुर में छह-छह मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। मैदानी इलाकों में मानसून के न बरसने से उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है।
राज्य में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी और अभी तक मानसून की सामान्य से 33 फ़ीसदी कम बरसात हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार मानसून सीजन में वर्षा जनित घटनाओं में 124 लोगों की मौत हुई है, जबकि 230 घायल औऱ चार लापता हैं। इसमें 62 लोगों की सड़क हादसों में जान गई है और इतने ही लोगों की पानी में बहने व डूबने, ऊंचाई से फिसलने, करंट व सर्प दंश से मौत हुई है। मानसून सीजन में सिरमौर में फ्लैश फ्लड और सोलन में भूस्खलन की एक-एक घटना सामने आई है। इस दौरान हुई व्यापक वर्षा से 108 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 19 घर पूर्ण रूप से ध्वस्त हुए जबकि 89 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। इसके अलावा 85 पशुशालाएँ व पांच दुकानें भी धराशायी हुईं। राज्य में भारी वर्षा से 425 करोड़ का नुकसान आंका गया है।