सुप्रीम कोर्ट में आज शंभू बॉर्डर को खोलने के मामले पर सुनवाई टल गई। जस्टिस सूर्यकांत के उपलब्ध नहीं होने की वजह से सुनवाई टली है। सुप्रीम कोर्ट ने दो सितंबर को एमएसपी और अन्य मुद्दों पर किसानों की चिंताओं से संबंधित मामलों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।
कमेटी में जस्टिस नवाब सिंह के अलावा हरियाणा के पूर्व डीजीपी पीएस संधु, प्रोफेसर देवेंद्र शर्मा, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. सुखपाल सिंह और चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और हिसार के कुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज शामिल हैं। कोर्ट ने कमेटी के चेयरपर्सन को निर्देश किया कि वो एक सदस्य सचिव की नियुक्ति करें जो पंजाब और हरियाणा सरकार से बैठकों के लिए समन्यव करेंगे और रिकॉर्ड का रखरखाव करें।
कोर्ट ने कमेटी से आग्रह किया कि वे किसानों से बात करें और उन्हें शंभू बार्डर पर खड़े किए गए ट्रैक्टरों और दूसरे वाहनों को तत्काल हटाएं ताकि दोनों राज्यों के वरिष्ठ प्रशासक नेशनल हाइवे को खोल सकें ताकि आम लोगों को राहत मिल सके। कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान चाहें तो वैकल्पिक स्थान पर अपना आंदोलन शिफ्ट कर सकते हैं। कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया कि वे किसानों से बात कर मसलों की पहचान करें और कोर्ट में दाखिल करें।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर को शंभू बार्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि एंबुलेंस, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, छात्रों आदि के लिए हाइवे खोला जाए। इसके लिए दोनों तरफ की सड़क के एक-एक लेन खोलने को कहा गया था।
उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर के बैरिकेड खोलने का निर्देश दिया था। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।