SATEESH SANGAM——–
महिला पतंजलि योग समिति धूमधाम से हुआ आयोजन
महिला पतंजलि योग समिति की केन्द्रीय बैठक बुधवार को राजधानी में आयोजित की गई।
राजधानी लखनऊ में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के सेवा प्रकल्पों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य एवं योग ऋषि स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण की आगामी कार्ययोजना से सभी को अवगत कराने एवं यथानुसार कार्यकर्ताओं को दिशा निर्देश देने के लिए पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से मुख्य केन्द्रीय प्रभारी आचार्या डॉ. सुमना बुधवार से प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर राजधानी पहुंची। इस दौरान संगठन की बैठक पायनियर मान्टेसरी इन्टर कालेज, उद्यान-1 सेक्टर-3 बंगला बाजार के आडीटोरियम में सम्पन्न हुई। बैठक में योगापीठ से सम्बद्घ पांचों संगठन महिला पतंजलि योग, पतंजलि योग समिति, भारत स्वाभिमान, युवा भारत और किसान सेवा समिति के सदस्यों को आचार्य डॉ सुमना ने ओजस्वी वाणी से प्रोत्साहित किया।
आचार्य डॉ सुमना ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि वह लोग दयनीय स्थिति में होते हैं जो साधन होने के बाद भी उनका उपयोग नहीं कर पाते हैं। जिस कार्य के लिए प्रभु ने हमें आंख, कान और वाणी प्रदान की है, उस कार्य को हम सफलतापूर्वक संपन्न कर पा रहे हैं या नहीं, इसका पता होना आवश्यक है। कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि जीवन के लक्ष्य का निर्धारण उचित समय पर कर लेना चाहिए और हम जो भी इच्छा करे उसे अपने परमात्मा से ही मांग ले। प्रकृति सबकी परीक्षा लेती हैं जो इसमें सफल होता है वहीं पहचान बना पाता है जिसका जीता जागता उदाहरण बाबा रामदेव हैं। जीवन में कई चुनौतियों को झेलने के बाद आज स्वामी जी ने स्वयं को सिद्ध किया है।
बाबा रामदेव के कारण योग को मिली अंतरर्राष्ट्रीय ख्याति के बारे में बतातें हुए कहा कि कार्यकर्ता स्वयं भी योग करे और अपने साथियों को भी करवाएं जिससे कि सभी देशवासी निरोग रहे।
तीन प्रमुख बातों को सदैव ध्यान में रखने की बात करते हुए डॉ सुमना ने कहा कि सेवा, साधना और प्रार्थना जीवन की अमूल्य धरोहर है जो हमेशा हमारे काम आती है।
सेवा हम तभी कर पाएंगे जब हम साधना करेंगे और साधना का सीधा अर्थ वैचारिक तथा बौद्धिक क्षमता को प्राप्त करना है।
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