Wednesday, April 24, 2024
spot_img
HomeHealthपुरूषों से अधिक महिलाओं में है इस रोग की आशंका

पुरूषों से अधिक महिलाओं में है इस रोग की आशंका

पुरूषों से अधिक है महिलाओं में किडनी रोग की आशंका

असुरक्षित गर्भपात और अधिक रक्तस्राव बन सकता है किडनी का दुश्मन: प्रो. नारायण
पीजीआई में विश्व गुर्दा दिवस

मोहनलालगंज, लखनऊ। पीजीआई में स्थित नेफोलाॅजी विभाग के प्रो. नरायन प्रसाद ने विश्व किडनी दिवस पर बीमारी से बचाव के लिये जागरूक किया। कोनिक किडनी डिजीज से संसार भर में 19.5 करोडं महिलायें पीड़ित है। देश में महिलाओं की मौत का प्रमुख आठवा कारण किडनी की खराबी है। महिलाओं में किडनी की कुछ परेशनी पुरूषों के मुकाबले अधिक है। क्योंकि इनमें प्रसव प्रक्रिया के कारण कई तरह की परेशानी होती है। जिसके कारण किडनी पर असर पडने की काफी आशंका रहती है। इसके अलावा महिलाओं में कुछ खास तरह के किडनी रोग होता है। जिसमें रोगी बीमारी के साथ काफी अच्छी और लम्बी जिंदगी दावाओं से मिल सकती है। जिसका एक उदाहरण एसएलई लुपस नाम की बीमारी है। महिलाओं को किडनी की परेशानी के प्रति जागरूक करने के लिये इंण्टर नेशनल इण्डीयन सोसाइटी आॅफ नेफालाॅजी ने इनको केंद्र मानकर विश्व किडनी दिवस का आयोजन किया संयोग वश विश्व गुर्दा दिवस इस साथ इंटरनेशनल वूमने डे के दिन नहीं हो रहा है। और इसका थीम गुर्दा संबंधी महिलाओं का स्वास्थ्य है। सोसायइटी के सचिव एवं पीजीआई के किडनी रोग विशेषज्ञ प्रो नारायण प्रसाद ने बताया कि प्रसव के दौरान अधिक रक्त स्राव होने पर एक्टीयूट टेक्निकल ने कोशिश में जो जाती है जिसके कारण किडनी कम काम करने लगती है। यह स्थित कोनिक केडिनी डीजीज में बदल जाती है। पुरूषों से कम होता है। किडनी की परेशानी होनेी पर पुरूषों का इलाज तो होता है लेकिन महिलाओं को उनके हाल पर छोड दिया जाता है। जिसकी मुख्य वजह सामाजिक असामानता के साथ आर्थिक कारण भी होता है। चूंकि पुरूष ही कमाने वाला होता है। इस लिये इनके इलाज पर जोर दिया जाता है।
बचाव पर रखे ध्यान, महंगा है इलाज
प्रो. नारायण ने बताया कि कोनिक किडनी डिजीज होने पर डायलिसीस और किडनी ट्रांसप्लांट ही इलाज का रास्ता है जो काफी खर्चीला है। ऐसे में बीमारी को शुरूआती दौर में कंट्रोल की जरूरत है। खराबी का पता लगाने के लिये समय समय पर पेशाब में प्रोटीन सिरम कीएटिनन ब्लड प्रेशर की जांच कराने की जरूरत है।
विश्व किडनी दिवस के मौके पर पीजीआई में प्रो नारायण प्रसाद, प्रो अनूपमा कौल, प्रो धर्मेन्द्र भदौरिया, डाॅ नमिता राव, डाॅ देवाशीष शाहा, डाॅ रवि एलहेंस, डाॅ मुफज्ज्ल अहमद, डाॅ रवि कुशवाहा, डाॅ संत पांडेय, डाॅ अभिलाष चंद्रा, डाॅ दयाल साधवानी, डाॅ विनय बद्री आदि उपस्थित रहे।

मुकेश द्विवेदी की रिपोर्ट


अगर आप भी चाहते है अपने मोबाइल पर खबर तो तुरंत इस 9918956492 नंबर को अपने फ़ोन में अवधनामा के नाम से सेव करे और हमे व्हाट्सप्प कर अपना नाम और जिला बताये और पाए अपने 
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular