Tuesday, April 23, 2024
spot_img
HomeHealthजरूरत से ज्यादा पानी पीना सेहत के लिए हो सकता है घातक,...

जरूरत से ज्यादा पानी पीना सेहत के लिए हो सकता है घातक, जानिए कैसे 

BRIJENDRA BAHADUR MAURYA 

जरूरत से ज्यादा पानी पीना सेहत के लिए हो सकता है घातक, जानिए कैसे 
तीसरा विश्व युद्ध अब पानी के लिए नहीं होगा 


लखनऊ।  आम बोलचाल की भाषा में आज कल एक बात आमतौर पर सुनने में आती है कि पानी दबा कर पीना चाहिए क्योंकि इससे स्वास्थ्य ठीक रहता है और ज्यादा पानी पीने से शरीर से टॉक्सीन बाहर निकल जाते हैं और शायद ही कोई इस बात से इंकार कर सकता है। सोशल मीडिया से लेकर अखबारों तक के पन्ने पेट साफ रखने के लिए रोजाना 5-6 लीटर पानी पीने की सलाह से भरे होते हैं।
रविवार को राजधानी के प्रेस क्लब में डां परमेश्वर अरोड़ा ने इस मिथक को तोड़ दिया कि ज्यादा पानी पीना सेहत के लाभदायक होता है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में आयुर्वेदाचार्य डॉ अरोड़ा ने जल – अमृत या विष नामक पुस्तक में अधिक जल पीने से होने वाले रोगों की अन्वेषणात्मक व्याख्या की है। 
आयुर्वेदिक चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अष्टांग संहिता में जल के उपयोग पर हुए वर्णन को प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करते हुए बताया कि अंग्रेजी कल्चर ने पानी बेचने के लिए ये भ्रम फैला रखा है कि ज्यादा पानी पीने से शरीर के टाक्सिन निकल जाते हैं, शूगर, ब्लडप्रेशर कंट्रोल रहता है आदि आदि। भारतीय आयुर्वेद को विश्व की सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति बतातें हुए कहा कि आयुर्वेद में स्पष्ट निर्देश है कि शरीर की अग्नि ही शरीर का संचालन करती है और हम पश्चिमी सभ्यता के पीछे भागते हुए इतना असम्वेदनशील हो गए कि अपने वेदों की बात भुला कर शरीर की अग्नि को समाप्त करने के पीछे लगे हुए हैं। शरीर की अग्नि को जीवन का सबूत बतातें हुए कहा कि शरीर पांच मूलभूत तत्वों जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश से मिल कर बना है परंतु शरीर को चलायमान रखने के लिए अग्नि ही आवश्यक होती है। शरीर की अग्नि ही शरीर को जिन्दा रखती पर हम लोग शरीर की अग्नि को ही खत्म करने में लगे हुए हैं। शरीर की अग्नि के कारण ही व्यक्ति को प्रज्ञा, ओज, ताकत, वैचारिक शक्ति प्राप्त होती है। संस्कृत के श्लोकों का उदाहरण देते हुए बताया कि आयुर्वेद, एलोपैथी या कोई भी चिकित्सा शास्त्र अधिक पानी पीने की सलाह नहीं देता है। डॉ अरोड़ा ने कहा कि जब कोई चिकित्सा पद्धति अधिक जल पीने को नहीं कहती तब हम क्यों ज्यादा पानी पी कर अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

पानी कितना पीना चाहिए का जवाब देते हुए डॉ परमेश्वर अरोड़ा ने बताया कि सुबह पौना लीटर गुनगुना पानी, खाने के साथ एक कप पानी और प्यास लगने पर एक कप पानी जीवन के लिए पर्याप्त होता है। उन्होंने कहा कि ज्यादा पानी पीने से शरीर की अग्नि शांत होने लगती है जिससे पहले तो भोजन पचने में दिक्कत शुरू होती है और कई अन्य बिमारियां इससे होने का खतरा बन जाता है।

आरओ वाटर को सेहत के लिए ख़तरनाक बतातें हुए कहा कि यदि केवल 25% लोगों ने सम्भल कर पानी पीने की सलाह मान ली तो रोजाना 550 करोड़ लीटर पानी की बचत की जा सकती है और इस आधार पर कहा जा सकता है कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए नहीं होगा।

देश दुनिया के बड़े डाक्टरों ने डॉ परमेश्वर अरोड़ा से सहमति व्यक्त करते हुए उनकी पुस्तक में लेख लिखे हैं। आज की प्रेस वार्ता में डाक्टर परमेश्वर अरोड़ा के साथ राजकीय आयुर्वेदिक कालेज और अस्पताल से रिटायर्ड प्रोफेसर आर सी पंत, रिटायर्ड प्रोफेसर एन डी मिश्रा और आयुर्वेदाचार्य राकेश कुमार गुप्ता उपस्थित रहे।

 ———————————————————————————————————————
डाउनलोड करें गूगल प्ले स्टोर से avadhnama news app और रहें हर खबर से अपडेट।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular