सिरदर्द और चक्कर आना: ब्रेन ट्यूमर के संकेत, पहचान और इलाज

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ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) एक गंभीर बीमारी है जिसे प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 8 जून को World Brain Tumor Day मनाया जाता है। यह एक जानलेवा स्थिति साबित हो सकती है अगर समय रहते इसका निदान और इलाज न किया जाए। इसके कुछ ऐसे सामान्य लक्षण भी हैं जिन्हें लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं जो बाद में हानिकारक साबित हो सकता है।

ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) एक जानलेवा बीमारी है, जिसे लेकर आज भी कई लोगों में जागरूकता की कमी है। ऐसे में इसके प्रति लोगों को जागरूक करने और इस बीमारी से प्रभावित लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस यानी World Brain Tumor Day मनाया जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका पता अक्सर काफी देर से चलता है। इसकी सबसे बड़ी वजह इसके लक्षणों की अनदेखी है, क्योंकि लोग आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों की पहचान नहीं कर पाते हैं, जिससे इसके निदान और फिर इलाज में देरी हो जाती है।

सिरदर्द और चक्कर आना जैसे लक्षणों को आमतौर पर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह एक बड़ी गलती साबित हो सकती है, क्योंकि यह ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे में गुरुग्राम के मणिपाल हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जरी के सलाहकार डॉ. निशांत शंकर याग्निक बता रहे हैं इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें-

डॉक्टर कहते हैं कि सिरदर्द और चक्कर आना जैसे लक्षण कुछ सामान्य समस्याओं जैसे तनाव, थकावट या मामूली स्वास्थ्य स्थिति में भी नजर आ सकते हैं, लेकिन इसके गंभीर स्वास्थ्य परिणामों में लगातार सिरदर्द और चक्कर आना ब्रेन ट्यूमर का संकेत से भी होता है।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण आमतौर पर इसके आकार, स्थान और वृद्धि के आधार नजर आते हैं। सिरदर्द और चक्कर आना कुछ सामान्य लक्षण हैं और इसके अलावा इसके अन्य में लक्षणों में निम्न शामिल हैं:-

  • दौरे पड़ना
  • ब्लर विजन
  • जी मिचलाना
  • बैलेंस बनाने में कठिनाई
  • मूड, व्यवहार और व्यक्तित्व में बदलाव
ब्रेन ट्यूमर का निदान

ब्रेन ट्यूमर के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है, अगर समय रहते इसका निदान और फिर इलाज कराया जाए। अगर ब्रेन ट्यूमर का संदेह हो तो ब्रेन स्ट्रक्चर की जांच के लिए एमआरआई या सीटी स्कैन जैसे इमेजिंग टेस्ट किए जाते हैं। कुछ मामलों में, ट्यूमर के प्रकार और ग्रेड की जांच के लिए बायप्सी भी की जाती है। इस प्रक्रिया में आगे के विश्लेषण के लिए ट्यूमर से एक छोटा टिश्यू निकाला जाता है, यह पहचानने के लिए कि ट्यूमर कैंसेरियस है या नहीं।

ब्रेन ट्यूमर का इलाज

इस बीमारी का इलाज ट्यूमर के प्रकार, आकार और स्थान के आधार पर भिन्न होता है। इसके कुछ सामान्य उपचार विकल्पों में निम्न शामिल हैं:-

  • सर्जरी- यह ब्रेन ट्यूमर के लिए किया जामे वाला प्राथमिक इलाज है, खासकर अगर ट्यूमर तक पहुंचना आसान हो। इसका लक्ष्य जितना संभव हो इसे उतना हटाना है।
  • रेडिएशन थैरेपी- इसका उद्देश्य सर्जरी के बाद बचे हुए कैंसर सेल्स को मारना है या जब सर्जरी कोई विकल्प नहीं है, तो इसका इस्तेमाल मुख्य उपचार के रूप में भी किया जाता है।
  • कीमोथेरेपी- इस थेरेपी के तहत कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए कुछ दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग अक्सर सर्जरी और रेडिएशन के साथ किया जाता है। इस थेरेपी के तहत कुछ दवाएं खून और ब्रेन के बीच की बाधा को पार करती हैं और इसे ब्रेन ट्यूमर के ज्यादा अधिक प्रभावी बनाती हैं।
  • टारगेटेड थैरेपी- यह विशेष सेल्स पर ध्यान केंद्रित करती है, जो ट्यूमर के विकास में शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य सामान्य सेल्स को कम से कम नुकसान पहुंचाने के साथ कैंसर सेल्स को खत्म करना है।
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