दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से तिहाड़ जेल में मुलाकात की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने केजरीवाल से मुलाकात के बाद पाठक की ओर से दिए गए उनके बयान पर नाराजगी जताई।
हाई कोर्ट ने कहा कि पाठक ने मुख्यमंत्री से मिलने के बाद जो बयान दिए वह जेल नियमों के खिलाफ है क्योंकि उनका बयान मुख्यमंत्री के एजेंट या प्रवक्ता की तरह था। पाठक ने केजरीवाल की ओर से जो बयान दिए थे उन बयानों को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्र के अधिकार का प्रयोग करते हुए या दिल्ली जेल नियम द्वारा लगाए गए उचित प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए दिए गए थे।
हाई कोर्ट ने 22 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान संदीप पाठक की ओर से पेश वकील ने कहा था कि केजरीवाल से जेल में मुलाकात की अनुमति नहीं देना मनमाना और गैरकानूनी है। जेल प्रशासन ने संदीप पाठक को केजरीवाल से अप्रैल में दो बार मिलने की अनुमति दी थी लेकिन इस बार मुलाकात करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। जेल प्रशासन ने ये कहते हुए मुलाकात की अनुमति नहीं दी थी कि केजरीवाल से मुलाकात के बाद संदीप पाठक ने जो बयान दिया था वो राजनीति से प्रेरित थे और वो जेल नियमों का उल्लंघन है।
संदीप पाठक की ओर से कहा गया था कि उन्होंने दिल्ली प्रिजन रूल्स के रूल 587 का कोई उल्लंघन नहीं किया है, जैसा कि तिहाड़ जेल की ओर से कहा जा रहा है। जेल प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि पिछली बार केजरीवाल से मुलाकात के बाद संदीप पाठक ने कहा था कि केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री रहेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो जेल से सरकार चलेगी। जेल प्रशासन ने कहा था कि संदीप पाठक ने बयान दिया था कि मुख्यमंत्री हर हफ्ते दो मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और विभागों की समीक्षा करेंगे और उन्हें दिशा-निर्देश जारी करेंगे। उसके बाद जेल प्रशासन ने दिल्ली प्रिजन रूल्स के रूल 587 का हवाला देते हुए संदीप पाठक को केजरीवाल से मिलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।