हमीरपुर में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले यमुना पुल की मरम्मत का कार्य 14 जून से शुरू हो गया है और 21 जुलाई 2025 तक चलेगा। इस दौरान प्रत्येक शनिवार और रविवार को 51 घंटे के लिए पुल पर सभी प्रकार के वाहनों और पैदल यात्रियों का आवागमन पूरी तरह बंद रहेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा किए जा रहे इस मरम्मत कार्य में पुल की स्लैब में पाई गई दरारें, बेयरिंग की सफाई, और वेयरिंग बदलने का काम शामिल है।पुल की मरम्मत के लिए तीन इंजीनियरों और 15 विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है।
कार्य के दौरान यातायात को वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट किया जाएगा, जिसके लिए बांदा और फतेहपुर की ओर रूट परिवर्तन किए गए हैं। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक पंकज यादव ने बताया कि आसपास के जनपदों में हाईवे पर बैनर लगाकर डायवर्जन की जानकारी दी जा रही है ताकि जाम की स्थिति से बचा जा सके।पुल की जर्जर हालत का खुलासा अक्टूबर 2024 में केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) की जांच में हुआ था, जिसमें स्लैब में दरारें और बेयरिंग की खराबी की बात सामने आई थी। इस वजह से भारी वाहनों पर पहले ही प्रतिबंध लगाया गया था।
मरम्मत कार्य के तहत छह कोठियों की 12 बेयरिंग बदली जाएंगी, और बारिश के बावजूद काम जारी रखने की योजना है।स्थानीय लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर नाविक बाइकों को नदी पार कराने का काम कर रहे हैं, जिसके लिए 50 से 100 रुपये शुल्क लिया जा रहा है। इससे नाविकों की आय में वृद्धि हुई है।जिलाधिकारी घनश्याम मीना ने बताया कि मरम्मत के दौरान पुल के दोनों ओर 100-100 मीटर की दूरी पर बैरीकेडिंग की जाएगी। यह पुल कानपुर-सागर नेशनल हाईवे (NH-34) का हिस्सा है और प्रतिदिन हजारों वाहनों का आवागमन होता है। मरम्मत कार्य से यातायात प्रभावित होगा, लेकिन सुरक्षा के लिए यह कदम आवश्यक है।नोट: मरम्मत कार्य समय पर पूरा होने पर यह सुनिश्चित होगा कि यमुना पुल भविष्य में सुरक्षित और मजबूत रहे।