एस. एन. वर्मा
इस्राइल फिलिस्तीन का झगड़ा पिछले सदी से चल रहा है। इस बार हमास ने इस्राइल पर अचानक हमला कर दिया। फिलिस्तानी संगठन आतंकी संगठन है। इसने इस्राइल पर उसकी सम्प्रभुता का उल्लंघन करते हुये क्रूर हमला किया है। इससे कई हत्यायें हुई औरतो और पुरूषो को अपहरण भी किया गया है। खाड़ी के वर्चस्व और धार्मिक मुद्दो को लेकर विवाद को तूल पकड़ने की आंशका है तथा स्थिति विश्व के लिये भयानक बन सकती है। कच्चे तेल के दामो में बढ़त्तोरी अचानक हो गई है। अमेरिका इस्राइल को मदद देना शुरू कर दिया है अपना एक युद्ध पोत इस्राइल को रवाना कर दिया है। भारत जो आतंकवाद का हमेशा विरोध करता है उसने कहा है वह इज्राइल के साथ है। इज्राइल प्रधानमंत्री ने आभार प्रकट करते हुये कहा मोदी जैसे सहयोगियों से साहस बढ़ता है। दूसरे इज्राइली मिलिटेन्ट हिजबुल्ला मिसाई मोर्टार से हमला कर रहा है। ईरान हमास को समर्थन दे रहा है जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। मानना यह है कि हाल के वर्षो में साऊदी अरब समेत अन्य देंशों से इस्राइल के सामान्य रिश्तों को बनते देख इसे तोड़ने के लिये हमास न हमला किया है। हमले से अलअक्सर मास्जिद व दूसरे मुद्दो के आधार पर मध्यपूर्व में ध्रुवीकरण किया जा सके।
इस्राइल को अपने यहां के लोगो को जिन्हें हमास ने बन्धक बना रक्खा है उन्हें छुड़ने के .चुनौती है। जाहिर है इससे फिलिस्तीन अपनी शर्तो मनवाने के लिये इस्राइल से सौदेबाजी करेगा। गाजा में इस्राइल ने हमले तेज कर दिये है। 300000 अतिरिक्त सैनिक तैनात कर दिये है। हमास द्वारा संचालित केन्द्र गाजा में है उस पर इस्राइल ने सुबह सुबह हमला कर दिया है। प्रधानमंत्री इज्राईल ने प्रतिज्ञा की है कि वह हमास के अस्तीत्व इस बार मिटा देगे इसकी गूंज बहुत दिनों तक दूर दूर तक सुनाई देगी। अभी तक लगभग 1600 से लोगो की मौत हो चुकी है। यह संख्या कहां तक जायेंगी अभी कुछ कहा नहीं जा सकता क्योकि युद्ध रोकने के प्रयास की कोई उल्लेखनीय जानकारी नहीं मिल रही है। कितना लम्बा खिचेगा कहा नहीं जा सकता। विश्व के लिये खतरा बन सकता है। रूस यूक्रेन की लड़ाई अभी चल रही है। रूस जैसा सशक्त देश यूक्रेन के जज्बें के सामने पस्त दिख रहा है।
गाजा में इस्राइल हमला के बाद फंसे हुये भारतीय वहां से निकलने की गुहार लगा रहा है। क्योकि इस इलाके में इस्राइल बराबर हमले कर रहा है।
हमास के करीब आतंकवादियों की लाशे इज्राइल के क्षेत्र में पाये गये है। हमास हमले में 11 अमेरिकयो की जान गई तत्काल अमेरिका ने इज्रराइल को हथियार भेजने शुरू कर दिये। अमेरिकी क्षेत्र में हिज्जबुल्ला और ईरान समर्थित दूसरे अतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर नज़र रक्खे हुये है। अमेरिकी जहाजों को क्षेत्र में स्थान्तरिक किया गया है कि ये गुट युद्ध में न कूद पाये न बढ़ावा दे सके।
बरहाल विश्व संस्थाओं को आगे आकार युद्ध को रूकवाने का प्रयास करना चाहिये। बढ़ते बढ़ते ऐसे ही युद्ध विश्वयुद्ध में तबदील हो जाते है। हमें भावी पीढ़ियों का ख्याल रखना है शान्ती को हर हाल में बहाल करना है।