सरकार चांदी के आभूषणों (Silver Jewellery Hallmarking) की हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है जिसे पहले स्वैच्छिक रूप से शुरू किया गया था। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी के अनुसार कार्यान्वयन के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए छह महीने का समय लिया जाएगा।
नई दिल्ली। सरकार स्वैच्छिक आधार पर शुरू की गई चांदी के आभूषणों (Silver Jewellery Hallmarking) और वस्तुओं की हालमार्किंग को अनिवार्य बनाने की प्रक्रिया के प्रभाव का मूल्यांकन करने के बाद इनकी हालमार्किंग को अनिवार्य बनाने के विचार करेगी।
सरकार ने चार सितंबर को एक सितंबर से प्रभावी चांदी के आभूषणों और वस्तुओं के लिए स्वैच्छिक हालमार्किंग शुरू करने की घोषणा की।
इसमें उपभोक्ताओं के हित में धातु की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए एक डिजिटल पहचान प्रणाली लागू की जाएगी।
“भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने शुक्रवार को कहा, ‘हमें इसका मूल्यांकन करने के लिए कुछ समय चाहिए। छह महीने पर्याप्त होंगे। हम छह महीने तक इस पर गौर करेंगे और उसके बाद विचार करेंगे कि इसे अनिवार्य किया जाए या नहीं।’
उन्होंने यह टिप्पणी इस सवाल के जवाब में की कि क्या सरकार चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने पर विचार कर सकती है।
चांदी की कीमतों में तेजी जारी
बता दें कि सोना और चांदी की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी है और दोनों कीमती धातुओं का मूल्य नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। आल इंडिया सराफा एसोसिएशन के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को चांदी की कीमतों में चार हजार रुपये की बढ़ोतरी हुई और यह 1.32 लाख रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई।