अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज। दिव्य अध्यात्म राष्ट्र सेवा मिशन प्रयागराज इकाई के तत्वाधान में मुंशी राम प्रसाद की बगिया नारायण वाटिका मुट्ठीगंज में चल रही दिव्य श्री राम कथा के पंचम दिवस पर रामकथा का अमृत पान कराते हुए डॉ अनिरुद्ध महाराज ने कहा कि राम के जीवन से गृहस्थ आश्रम जीवन जीने की शिक्षा प्राप्त होती है और भारत की संस्कृति राम के जीवन में दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि समाज को आज संस्कारवान शिक्षा कि देने की जरूरत है तभी राष्ट्र परिवार और समाज का कल्याण होगा।
उन्होंने आगे कहा कि राम के देश में बढ़ते हुए वृद्धाश्रम कुसंस्कार की देन क्योंकि हमारी संस्कृति में वृद्धाश्रम का कोई स्थान नहीं है। क्योंकि हमारी संस्कृति में मां-बाप गुरु को भगवान का दर्जा दिया जाता है। कहा कि जिसको कोई नहीं पूछता उसे प्रभु श्रीराम पूछते हैं। आज ताड़का वध, अहिल्या उद्धार धनुष यज्ञ एवं पुष्प वाटिका में मां जानकी का मिलन की प्रसंग की कथा का वर्णन किया।
कथा की मंगल आरती संरक्षक कुमार नारायण, डॉक्टर कृतिका अग्रवाल, महंत कौशल्या नंदगिरी, जगतार मुनि, सत्यम योगी, जय शिव सेना अध्यक्ष ओंकार नाथ त्रिपाठी, संतोष अग्रहरि, आज की कथा के मुख्य यजमान राधा सखी मंडल के कार्यकर्ता रहे। संचालन राजेश केसरवानी ने किया।
कथा में प्रमुख रूप से प्यारेलाल जायसवाल, नीरज गुप्ता, गया प्रसाद निषाद, दुर्गेश नंदिनी, आनंद बिहारी, अजय अग्रहरि, मनोज मिश्रा, विमला जायसवाल, उषा केसरवानी, साधना चतुर्वेदी, संतोष चौरसिया, कुसुम केसरवानी, विजय लक्ष्मी,आदि सैकड़ों राम भक्त उपस्थित रहे।