तीन साल से अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच न मिलने से ग्रीनपार्क स्टेडियम घरेलू मैचों तक ही सीमित रह गया था। इसका असर यह हुआ कि स्टेडियम की देखरेख में उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की तरफ से कमी आ गई। यही नहीं सी बालकनी समेत अन्य दर्शक दीर्घाओं की स्थिति जीर्णोद्धार की हो गई। अब भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाला टेस्ट मैच मिलने से एक बार फिर ग्रीनपार्क के दिन बहुरते दिख रहे हैं और तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं।
ग्रीनपार्क में भारत और बांग्लादेश के बीच 27 सितम्बर से आयोजित होने वाले टेस्ट मैच की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, उनको देखते हुए प्रदेश क्रिकेट संघ भी तैयारियों को लेकर संजीदा हो गया है। सी बालकनी समेत अन्य दीर्घाओं के जीर्णोद्धार के लिए धनराशि की स्वीकृति न मिलते देख अब उसकी नजर एक बार फिर से दर्शक क्षमता पर आकर टिक गयी है। हालांकि पूर्व में खेल विभाग और यूपीसीए के बीच कुछ इस प्रकार का समझौता किया गया था कि यूपीसीए ही निर्माण की लागत का आधा खर्च वहन करेगा, लेकिन कुछ कारणों से उसने अपने कदम वापस खींच लिए। जिससे स्टेडियम में नवनिर्माण का कोई भी कार्य नहीं किया गया। अब दर्शक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही बाकी बचे कामों को समय से पूरा कराने पर जोर देने में यूपीसीए लग गया है। यहां पर उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन इस मैच को यादगार बनाने के लिए हर पहलुओं पर काम कर रही है। वहीं स्टेडियम में मरम्मत का काम भी तेजी से शुरु हो गया है।
यूपीसीए अध्यक्ष यदुपति सिंघानिया के प्रतिनिधि उत्तम केसरवानी ने मंगलवार को बताया कि समय बहुत कम है और इसी समय में पूरी तैयारियां करना है। फिलहाल जो जीर्णोद्धार हो रहा है उससे ग्रीनपार्क की शोभा बढ़ेगी, लेकिन हमारा लक्ष्य दर्शक क्षमता बढ़ाने की है। इसके लिए हम लोग दर्शक दीर्घाओं में सीटिंग प्लान कर रहे हैं और भी जहां पर सीटें लगने की गुंजाइस होगी वहां पर सीटें लगाई जाएंगी। इसके लिए इंजीनियरों की एक टीम ने पूरे स्टेडियम का निरीक्षण भी किया है। वहीं लंबे समय से रंग-रोगन के लिए तरस रहे ग्रीनपार्क स्टेडियम के दिन अब बहुरते नजर आ रहे हैं।