कटरा बाजार के राजा विराजेंगे आसन पर
ललितपुर। आज बुधवार को श्रीगणेश चतुर्थी है। श्रीगणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी, विनायक चविथी या विनयगर चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म को मानने वाले गणेश चतुर्थी पर सिद्धि विनायक गणेशजी का जन्मदिन मनाते हैं। इस दिन घरों, गलियों और सार्वजनिक पंडालों में गणेश जी की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। गणेश उत्सव 10 दिन तक मनाया जाता है।
सज गई गणेशजी की मूर्तियां
गणेश चतुर्थी को लेकर मूर्तियों का बाजार भी सज गया है। ललितपुर जिले में मुख्यालय स्थित श्रीगणेश प्रतिमा में विगत कई सालों से प्रतिमा स्थापित की जा रही है, जो कि स्पेशल मुम्बई से निर्माण करके विशालकाय प्रतिमा आती है, जो कि पूरे विधि-विधान, पूजन के साथ स्थापित की जाती है।
अलग-अलग खाचों में श्रीगणेश, पगड़ी वाले गणेश, मयूरराज गणेश की मूर्तियां बनाई जाती हैं। हम बहुत ही सुंदर तरीके से मूर्तियों का श्रृगांर करते हैं। इनमें हम वेलवेट, रेनबो, चमकीले, स्पार्कल और ग्रेनाइट समेत अनेक कलर यूजकर मूर्तियों को सजाते हैं। यह मूर्तियां खडिय़ा मिट्टी से बनाई जाती हैं, जो पानी में आसानी से घुल जाती हैं। हमें एक मूर्ति बनाने में 10 से 15 दिन लग जाते हैं।
10 दिन धूमधाम से मनाया जाता है गणेश उत्सव
गणेश उत्सव पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी काफी खास होती है, क्योंकि इस दिन से अगले 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के पहले दिन भक्तगण धूमधाम से गणेशजी को घर लेकर आते हैं और उनकी विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। इसके साथ ही बप्पा की सेवा करने के साथ ही भव्य पंडाल भी बनाते हैं। गणेशजी की सेवा भक्त 10 दिनों तक विधिवत तरीके से करते हैं।
इनका कहना है
मूर्तिकार सुमित विश्वकर्मा बताते हैं कि वह विगत महीने से गणेशजी की मूर्तियों को बनाने मे लगे है। हम लोग बड़े ही परिश्रम और लगन से मूर्तियां बनाते हैं। हमें उम्मीद है कि हमारी सारी मूर्तियां बिक जाएंगी। मूर्तियां बनाने का उनका प्रत्येक वर्ष का काम है। इसी से हम लोगों का गुजारा चल जाता है। मूर्ति को हम लागत के अनुसार बिक्री करते हैं। –