कला भवन में निशुल्क कला साधना शिविर का भव्य शुभारम्भ

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ललितपुर। सिद्धन रोड स्थित कला भवन में प्रख्यात कलाविद् ओमप्रकाश बिरथरे द्वारा आयोजित निशुल्क कला साधना शिविर का शुभारम्भ मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष कैलाश नारायण, केन्द्रीय विद्यालय की प्रधानाचार्या सुश्री मिनी वर्मा की अध्यक्षता में दीप प्रज्जवलन एवं मां सरस्वती के पूजन के साथ हुआ। अंग वस्त्र एवं बैज अलंकरण कर अतिथियों को सम्मानित किया गया। 06 अप्रैल से 04 मई 2025 तक लगभग एक माह चलने वाले निशुल्क शिविर के महत्व पर प्रकाश डालते हुये शिविर आयोजक ओ.पी. बिरथरे ने कहा कि यह शिविर कला सीखने के लिए आवश्यक वातावरण तैयार कर प्रशिक्षार्थियों में कला के बीज डालकर पौध तैयार करने का कार्य करता है।

यह उन बच्चों के लिए विशिष्ट है, जो अभाव के कारण अपनी प्रतिभाओं को निखारने के अवसर पाने से वंचित रह जाते हैं। यह शिविर कला प्रतिभाओं को अपनी कला को निखारने, कला की बारीकियां सीखने के लिए सशक्त अवसर प्रदान करता है। बिरथरे ने कहा कि बच्चे आज के वातावरण में हो रहे अवसाद से मुक्त होकर सृजन के साथ साथ चित्रकला के क्षेत्र में अपना नाम स्थापित कर सकते हैं। मुख्य अतिथि ने लक्ष्मी और सरस्वती की व्याख्याता करते हुये कहा कि जहां लक्ष्मी व्यय करने पर होने पर कम होती है, वहां सरस्वती अर्थात विद्या जितनी दान की जाये, उतनी ही बढ़ती है। इस तरह के शिविर आयोजित करते विद्या दान करना निश्चित ही एक यज्ञ करने के समान है।

अध्यक्षता कर रही के.वी. की प्रधानाचार्या ने कहा कि चित्रकला का मनोवैज्ञानिक महत्व बहुत गहरा है, क्योंकि यह रचनात्मकता, एकाग्रता और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। चित्रकला, अवसाद उबरने, उससे निपटने में मदद कर सकती है। यह एक रचनात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम है ,जो तनाव कम करता, भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करता है, इस दृष्टि से इस शिविर का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दौरान वृजबाला सेईया को कला शिक्षका पद से सेवानिवृत्त होने पर कला भवन द्वारा सम्मानित किया गया। मौके पर इन्टैक ललितपुर संयोजक सन्तोष शर्मा, अरमान कुरैशी, कृष्णकांत सोनी, शांति मालवीय, डा.खेमचन्द्र वर्मा, बृजवाला सेईया ने भी शिविर के कलासाधकों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर विनीता त्रिपाठी, उर्वशी गुप्ता, डा.विकास गुप्ता, आशीष चैधरी, गोविन्दराम सेन, सुरेश साहू, उदयवीर सिंह, अनुराधा मोदी, हरीश साहू, अवधेश त्रिपाठी, मुकेश पटेल, शिल्पी सक्सेना विशेष रूप उपस्थित रहे। कला साधाना शिविर संयोजन में महेश प्रसाद बिरथरे का सहयोग रहा। संचालन संस्कार भारती अध्यक्ष बृजमोहन संज्ञा द्वारा किया गया।

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