विद्युत कर्मियों की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करे सरकार – राघवेंद्र नारायण

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अवधनामा संवाददाता

सोनभद्र – उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश में हड़ताल कर रह रहे हैं। जगह जगह रैली कर अपना ध्यान सरकार के तरफ कर रहे है, ताकि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करे और उनकी समस्या को जल्द से जल्द उन पर निपटारा करें। एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय सचिव राघवेंद्र नारायण ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रया में कहा कि सूबे की सरकार विद्युत कर्मियों की मांगों को अनसुना, अनदेखा कर रही हैं। ऐसा लग रहा है जैसे प्रदेश के विद्युत कर्मचारी किसी और ग्रह के कर्मचारी हैं। बार बार अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी सरकार से अनुरोध करते रहते हैं चाहे संविदा कर्मियों का मामला हो या फिर पेंशन का पर शासन पर बैठे ऊंचे पदों पर अधिकारी हो या प्रदेश की सरकार को इस पर जूं तक नहीं रेंगती। इस रवैये को राघवेंद्र नारायण ने बेहद गैर जिम्मेदाराना शर्मनाक करार दिया है और कहा है की यह उत्तर प्रदेश को विद्युत संकट की ओर झोंकने वाला काम हैं। आम जनता पहले ही महंगाई की मार से झेल रही हैं और उस पर से बिजली की समस्या की मार जनता की कमर तोड़ने वाला होगा। सरकार को अपने अहंकारी फैसलो की बजाय जनता के बारे मैं सोचना चाहिए। जनता इनको इस बात के लिए अवश्य सबक सिखायेगी। प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री और विद्युत कर्मचारी संगठनों के बीच जिन बिंदुओ को लागू करने को लेकर लिखित समझौता हुआ था, पर लंबे अरसे बीत जाने के बाद भी सरकार कोई नतीजे पर अब तक नहीं पहुंच पाई हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत प्रबंधन को अपनी उदासीन रवैया को छोड़ कर आपसी संवाद बना कर विद्युत कर्मचारियों की मांगों पर अमल करें। राघवेंद्र नारायण ने कहा कि विद्युत कर्मचारियों के काम बहुत ही जोखिम भरे होते हैं। बारिश हो, ठंड हो या गर्मी कोई भी मौसम हो वो अपने काम को जिस जज्बे से करते है उसे हम सलूट करते हैं। पोल पर चढ़ कर उसको ठीक करने की हो या बिजली की कोई भी समस्या हो उसको अपने जान पर खेलकर उस काम को अंजाम देते हैं। ऐसे में उनको कैशलेश इलाज की सुविधा, सारे कर्मचारियों को पेंशन और संविदा कर्मियों को परमानेंट कर योगी जी की सरकार को उनको ये सारी सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। राघवेंद्र नारायण ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार को जल्द से जल्द जरूरी कदम उठा कर इस समस्या का समाधान करना चाहिए।

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