एस सी/एस टी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन को विभागीय मान्यता प्रदान करे सरकार

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गांधी जी का हरिजन नहीं भीमराव का दलित बनने की जरूरत
एस सी/एस टी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से कान्हा मैरिज लान गौरीगंज में क्रांति ज्योति माता सावित्री बाई फुले जयंती और शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में एसोसिएशन ने संगठन को‌ बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से विभागीय मान्यता प्रदान करने , पदोन्नति में आरक्षण और पुरानी पेंशन बहाली की मांग जोर शोर से उठाई गई। सेवानिवृत्त और नव नियुक्त शिक्षकों को भगवान बुद्ध और उनका धम्म पुस्तक महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले और, बाबा साहब डॉ अम्बेडकर का चित्र, अंगवस्त्र  और टार्च प्रदान करते हुए सम्मानित किया गया।कम्पोजिट विद्यालय शारदन की छात्राओं ने स्वागत गीत और नृत्य संगीत प्रस्तुत कर समारोह में चार चांद लगाए।
समारोह को मुख्य अतिथि एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्रेश राव रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश सचिव सुरेश कुमार, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के अध्यक्ष अब्दुल रसीद, महामंत्री रमाकांत मौर्य, खंड शिक्षा अधिकारी राम ललित, आजमगढ़ के जिला अध्यक्ष जे के गौतम, मंडल अध्यक्ष डॉ लक्षन, बाराबंकी के जिला अध्यक्ष राम किशुन, अयोध्या मंडल के अध्यक्ष दयाशंकर और अटेवा के जिला महामंत्री अजय कुमार मौर्य विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त शिक्षक शिवहर्ष ने की। संगठन के संरक्षक और पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष संजीव भारती ने एस सी एस टी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संविधान को प्रस्तुत किया और प्रदेश कार्यकारिणी से ओ‌बीसी वर्ग के शिक्षकों को सभी स्तर की कार्यसमितियों में शामिल करने और ब्लाक और जिला सम्मेलनों के कार्यक्रम जारी करने की मांग की।
प्रदेश महामंत्री इन्द्रेश राव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चल रहे तमाम शिक्षक संगठनों के सौतेले व्यवहार से त्रस्त होकर अपने महापुरुषों के आदर्शों पर खुद अपनी लड़ाई लड़ने के लिए एस सी/एस टी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन का गठन किया गया है।यह संगठन बाबा साहब डॉ अम्बेडकर और मान्यवर कांशीराम के विचारों पर चलने वाला उत्तर प्रदेश और देश का एक मात्र शिक्षक संगठन है। महापुरुषों ने कभी अपनी जाति नहीं छिपाई। शिक्षकों को अपनी जाति नहीं छिपानी चाहिए। इतिहास बदलने के लिए भीड की जरूरत नहीं। संगठन भीड़ से नहीं जज़्बात से चलते हैं।
रमाकांत मौर्य ने कहा कि शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन मिल रहा है। सभी शिक्षक बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के संदेश को व्यवहारिक धरातल पर उतारने के लिए अपने विद्यालय में अधिक से अधिक समय दें और बच्चों को खूब मेहनत से पढ़ाएं। उन्होंने शिक्षा को सामाजिक बदलाव का माध्यम बनाने पर जोर दिया। अब्दुल रशीद ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में आने वाले नौनिहालों को शिक्षित, तर्कशील, वैज्ञानिक बनाना हर शिक्षक की पहली जिम्मेदारी है।  भीमराव का दलित नहीं,यह गांधी जी का हरिजन है –कविता के माध्यम से उन्होंने कहा कि आज गांधी जी का हरिजन नहीं बाबा साहब डॉ अम्बेडकर का दलित बनने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टीचर नौकरी को ईमानदारी से करें, अधिकारियों से डरने की जरूरत नहीं,जिस तरह आत्मा अजर अमर है,उसी तरह आज के युग में नौकरी अजर अमर है।
खंड शिक्षा अधिकारी राम ललित ने कहा कि शिक्षा ही विकास की कुंजी है। बाबा साहब डॉ अम्बेडकर  ने शिक्षा, संगठन और संघर्ष के बल पर ही  दुनिया में शोषण मुक्त और समतामूलक समाज का एक नया वातावरण तैयार किया। सभी शिक्षक अपने स्कूल के साथ समाज के गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा हासिल करने में सहयोग करें , तभी बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के सपनों का भारत बन  सकता है।
समारोह को प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप सिंह,देवी शरण कनौजिया,पवन कुमार गौतम,साधू राम,राम चन्द्र सरस,राम चन्द्र, बृजेन्द्र रावत रणजीत कुमार, गुरु चरण गौतम, श्याम लाल,राम नारायण सरोज, रेखा बौद्ध आदि ने संबोधित किया।
के पी सविता,सोम प्रकाश, राजेन्द्र कुमार, विकास, हरिकेश भारती , ललित कुमार, संतराम,शोभा शरण, सोहनलाल,समर जीत राव ,निन्कऊ, संजीव कुमार, राजीव कुमार,राजनाथ राम, राकेश कुमार, डॉ संजय, संतोष कुमार गौतम, रामहर्ष, रामशरण, सुनील कुमार, महावीर प्रसाद,राम बहादुर, अवधेश बौद्धाचार्य,कमल कुमार, आदि मौजूद रहे।
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