Thursday, March 6, 2025
spot_img
HomeMarqueeमहाबोधि विहार को बौद्धों के सुपुर्द करे सरकार - बुद्धिस्टों ने दिया...

महाबोधि विहार को बौद्धों के सुपुर्द करे सरकार – बुद्धिस्टों ने दिया ज्ञापन

बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क ने शुरू किया चरणबद्ध आंदोलन
बोधगया में चल रहा महाबोधि विहार मुक्ति आंदोलन अब शहर से गांव तक पहुंच रहा है। बुद्ध की ज्ञान स्थली पर हिंदू महंतों के अवैध कब्जे और आमरण  अनशन कर रहे बौद्ध भिक्षुओं के साथ अमानवीय व्यवहार, पुलिस की मदद से आंदोलन को कुचलने के सरकारी प्रयास की चर्चा हर गांव में है। महाबोधि विहार को बौद्धों को सुपुर्द करने और बी टी एम सी एक्ट को समाप्त कर नया प्रबंधन अधिनियम बनाने के लिए बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क ने चरण बंद आंदोलन शुरू किया है ‌‌। पहले चरण में बौद्धों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया है।
सात सूत्रीय ज्ञापन में महाबोधि मंदिर प्रबंध समिति अधिनियम -1949को रद्द करने , महाबोधि विहार मंदिर परिसर से शिवलिंग हटाने, महाबोधि विहार को बौद्धों के सुपुर्द करने के साथ ,देश की चुनाव प्रक्रिया से ईवीएम को हटाते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग शामिल है।
बौद्धों का कहना है कि महाबोधि विहार को 1897 में ही विश्व धरोहर घोषित किया जा चुका है।फाह्यान और ह्वेनसांग के सफरनामे और ए एस आई की उत्खनन रिपोर्ट में भी यह स्थल बौद्ध स्थल साबित हुआ है। सम्राट अशोक ने परिसर में एक महल भी बनवाया था।इस महल के इतिहास को उजागर करते हुए महाबोधि विहार को बौद्धों के सुपुर्द किया जाना चाहिए।
आंदोलन के द्वितीय चरण में 8मार्च को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन,22मार्च को प्रदर्शन रैली,9अप्रैल को जेल भरो आंदोलन और एक जुलाई को भारत बंद का आह्वान किया गया है।
ज्ञापन देते समय जग प्रसाद कोरी, राम चन्द्र मौर्य,हरिनाथ बौद्ध, तुलसी राम शास्त्री, हरिश्चंद्र,राम मिलन मौर्य, गुरु प्रसाद बौद्धाचार्य , अखिलेश कुमार, रमेश कुमार आदि मौजूद रहे।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular