सरकारी स्कूल के शिक्षक को चढ़ा नेतागिरी का भूत, जिम्मेदारों को पता नही

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अवधनामा संवाददाता

सपा कार्यकर्ताओं के साथ प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक का ज्ञापन सौंपते वायरल हो रहा फोटो

कुशीनगर। दुदही विकास खंड अन्तर्गत स्थित प्राथमिक विद्यालय दसहवा में तैनात एक शिक्षक पर इन दोनों नेतागिरी का भूत सर चढकर बोल रहा है। वह बीते दिनों बकायदे समाजवादी पार्टी के बैनर तले पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौपते हुए देखे गये थे जिसका फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बावजूद विभाग के जिम्मेदार कुंभकर्णी निद्रा में है जबकि सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल का हिस्सा नही बन सकता है।

गौरतलब है कि जिले के दुदही ब्लाक क्षेत्र मे स्थित प्राथमिक विद्यालय दसहवा मे चंद्रजीत यादव सहायक अध्यापक के पद पर तैनात है। बीते दिनों समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी से जुड़े सपाइयों ने प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति की जमीन को बिना परमिशन खरीद फरोख्त करने एवं जिलाधिकारी का हस्तक्षेप समाप्त कर दिये जाने पर क्षोभ एवं रोष का इजहार किया है। साथ ही राष्ट्रपति को संबोधित जिलाधिकारी के नाम का ज्ञापन कलेक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी को सौंप प्रदेश सरकार के इस असंवैधानिक नियम को रोकने के लिए प्रभावी आदेश निर्गत कराने का आग्रह किया था। इस दौरान समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के निवर्तमान राष्ट्रीय सचिव चन्द्रजीत यादव जो प्राथमिक विद्यालय दसहवा मे सहायक अध्यापक है। कलेक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौप रहे थे। इनके साथ सपा के पूर्व विधायक पूर्णवासी देहाती व सपा के पूर्व एमएलसी रामअवध यादव, निवर्तमान जिला महासचिव मो शुकुरूल्लाह अंसारी, पडरौना विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी विक्रमा यादव, राजेन्द्र यादव मुन्ना, अजय खरवार, हैदर अली सहित तमाम सपा कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। सरकारी स्कूल के अध्यापक चंद्रजीत यादव का यह कारनामा सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बताया जाता है कि चंद्रजीत सिंह समाजवादी पार्टी के उप संगठन समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के पूर्व मे राष्ट्रीय सचिव रह चुके है और वह वर्तमान से उस राजनीतिक संगठन के सक्रिय कार्यकर्त्ता के रूप मे अपने जिम्मेदारियो का निर्वहन कर रहे है।

क्या कहता है कर्मचारी आचरण नियमावली

उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनैतिक दल का हिस्सा नही बन सकता है। इसके अलावा ऐसी किसी संस्था का ,जो राजनीति में हिस्सा लेती है उसका सदस्य नही हो सकता है और न ही उस संगठन से कोई सम्बन्ध रख सकता है। इतना ही नही सरकारी कर्मचारी के लिए राजनीतिक संगठन से जुडने, आन्दोलन मे भाग लेने, संगठन को चंदा देने, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः रुप से सहयोग करने के लिये भी पूर्णतः मनाही है। आचरण नियमावली के अनुसार प्रत्येक सरकारी कर्मचारी का यह कर्तव्य होगा कि वह अपने परिवार के किसी सदस्य को , किसी ऐसे आन्दोलन या क्रिया में ,जो प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति विद्रोही है या उसके प्रति विद्रोही कार्यवाहियां करने की प्रवृत्ति पैदा करती है , हिस्सा लेने , सहायतार्थ चन्दा देने या किसी अन्य रीति से उसकी मदद करने से रोकने का प्रयत्न करे। मजेदार बात यह है कि कुशीनगर जनपद मे उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली की खुलेआम धज्जियाँ उडाई जा रही है और विभाग के जिम्मेदार सुरदास बने बैठे है।

इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राम जियावन मौर्य का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नही है दिखवाता हू। मामला सही पाये जाने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।

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