अवधनामा संवाददाता
आजमगढ़ (Azamgarh)। कोरोना काल में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को दुरूस्त कराने के लिए आम आदमी पार्टी ने कमर कस लिया है। इसी को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परशुरामपुर में व्याप्त दुर्व्यवस्थाओं को लेकर जिलाध्यक्ष रविन्द्र यादव के नेतृत्व में 12 बिन्दुओं पर शिकायती पत्र सौंपा गया।
सौंपे गये ज्ञापन में विस प्रभारी गोपालपुर सुनील यादव ने बताया कि अस्पताल का भवन जर्जर हो चुका है, सफाई कर्मी भी तैनाती नहीं है, एक्सरे मशीन पर ऑपरेटर नहीं है, परशुरामपुर बाजार का गंदा पानी अस्पताल के अंदर जा रहा है। अस्पताल की बाहरी दीवाल भी कई जगह से टूट हुई हैं, जिसके कारण आवारा पशु लगातार परिसर में घूमते नजर आते है। इसके साथ ही ओपीडी भवन का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है जिसके कारण मरीजों को परामर्श की समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इस अस्पताल पर केई भी महिला चिकित्सक तैनात नहीं है जिसके कारण महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है।
जिला महासचिव इसरार अहमद ने कहा कि सरकार केवल कागज में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बता रही है जमीन पर ग्रामीण जनता परेशान है और सरकार को कोस रही है। ऐसे सरकार से जनकल्याण की अपेक्षा अब जनता छोड़ चुकी है। इसके साथ ही श्री अहमद ने बताया कि अस्पताल में अग्निशन यंत्र व्यवस्था अधूरा है, अस्पताल के अंदर मरीजों हेतु बैठने की व्यवस्था तक नहीं है, बिजली की व्यवस्था खस्ताहाल हैं। इन सब भौतिक कमियों के बीच सोने पर सुहागा यह है कि उक्त अस्पताल में चिकित्सक और कर्मचारी भी उपस्थित नहीं रहते है जिस पर लगाम कसना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है लेकिन पूरी व्यवस्था ढाक के तीन पात है। प्रतिनिधिमंडल ने दमभरते हुए कहा कि शीध्र ही व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो आप सड़क पर उतरने का काम करेगी, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर जेपी सिंह, गोविन्द दुबे, उमेश यादव, तनवीर रिजवी, विरेन्द्र यादव, संदीप कुमार, अच्छेलाल यादव, प्रमोद, रमाकांत, सोनू, रामप्रकाश, संतोष सिंह, कुंवर बहादुर सिंह, भरत यादव, नरेन्द्र दीपक, राजकुमार, रवि, भोला, अनिल, देवेन्द्र, संजय, अजय आदि मौजूद रहे।
सौंपे गये ज्ञापन में विस प्रभारी गोपालपुर सुनील यादव ने बताया कि अस्पताल का भवन जर्जर हो चुका है, सफाई कर्मी भी तैनाती नहीं है, एक्सरे मशीन पर ऑपरेटर नहीं है, परशुरामपुर बाजार का गंदा पानी अस्पताल के अंदर जा रहा है। अस्पताल की बाहरी दीवाल भी कई जगह से टूट हुई हैं, जिसके कारण आवारा पशु लगातार परिसर में घूमते नजर आते है। इसके साथ ही ओपीडी भवन का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है जिसके कारण मरीजों को परामर्श की समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इस अस्पताल पर केई भी महिला चिकित्सक तैनात नहीं है जिसके कारण महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है।
जिला महासचिव इसरार अहमद ने कहा कि सरकार केवल कागज में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बता रही है जमीन पर ग्रामीण जनता परेशान है और सरकार को कोस रही है। ऐसे सरकार से जनकल्याण की अपेक्षा अब जनता छोड़ चुकी है। इसके साथ ही श्री अहमद ने बताया कि अस्पताल में अग्निशन यंत्र व्यवस्था अधूरा है, अस्पताल के अंदर मरीजों हेतु बैठने की व्यवस्था तक नहीं है, बिजली की व्यवस्था खस्ताहाल हैं। इन सब भौतिक कमियों के बीच सोने पर सुहागा यह है कि उक्त अस्पताल में चिकित्सक और कर्मचारी भी उपस्थित नहीं रहते है जिस पर लगाम कसना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है लेकिन पूरी व्यवस्था ढाक के तीन पात है। प्रतिनिधिमंडल ने दमभरते हुए कहा कि शीध्र ही व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो आप सड़क पर उतरने का काम करेगी, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर जेपी सिंह, गोविन्द दुबे, उमेश यादव, तनवीर रिजवी, विरेन्द्र यादव, संदीप कुमार, अच्छेलाल यादव, प्रमोद, रमाकांत, सोनू, रामप्रकाश, संतोष सिंह, कुंवर बहादुर सिंह, भरत यादव, नरेन्द्र दीपक, राजकुमार, रवि, भोला, अनिल, देवेन्द्र, संजय, अजय आदि मौजूद रहे।
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