वैक्सीनेशन में हुआ भेदभाव तो सरकार हुई अदालत में तलब

0
182

अवधनामा ब्यूरो

नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 18 से 44 साल की उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन पर रोक लगाए जाने के बाद हाईकोर्ट ने भूपेश बघेल की सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार का जवाब तलब करते हुए पूछा है कि उसने ऐसा आदेश कैसे जारी किया. कोर्ट ने कहा है कि वैक्सीनेशन का काम तत्काल शुरू कराये.

दरअसल भूपेश बघेल सरकार ने वैक्सीनेशन में गरीब तबके को पहले वैक्सीन लगवाने का फैसला किया था. सरकार ने तय किया कि राशनकार्ड के हिसाब से वैक्सीन लगेगी. सामान्य तबके को सबसे बाद में वैक्सीन लगेगी. वैक्सीनेशन में आरक्षण के खिलाफ अमित जोगी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी.

इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि वैक्सीनेशन में आरक्षण किसी भी सूरत में नहीं किया जा सकता क्योंकि वायरस गरीब और अमीर नहीं देखता. संक्रमण तो किसी को भी कभी भी हो सकता है. जीने का अधिकार सबको बराबरी से है.

यह भी पढ़ें : तेज़ी से कोरोना को हरा रहा है उत्तर प्रदेश, रिकवरी रेट बेहतर

यह भी पढ़ें : कोरोना के खिलाफ जंग में आयुष डॉक्टरों ने भी कसी कमर

यह भी पढ़ें : यूपी की धरोहरों को पहचान दिलायेगी सरकार

यह भी पढ़ें : अब 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगेगी वैक्सीन

हाईकोर्ट ने इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार को भी नोटिस जारी कर यह पूछा है कि क्या राज्य को इतनी कम वैक्सीन दी जा रही है कि राज्य सरकार को यह सोचना पड़ रहा है कि किसे वैक्सीन पहले लगाई जाए और किसे बाद में लगाई जाए. राज्य की जनसंख्या के अनुपात में केन्द्र को वैक्सीन आवंटित करनी चाहिए.

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here