कुआंतला सिद्ध क्षेत्र के महंतश्री बलरामपुरीजी ने दिया आशीर्वाद
ललितपुर। संसार की सच्ची पूंजी नारायण का नाम है। सुख दुख तो आता जाता रहता है, एक भगवान का भजन ही है जो हमें स्थाई रूप से हर परिस्थिति में हमारे साथ रहता है। मानव जीवन में भगवान का नाम हमें मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। यह उद्गार स्वामी चंदेश्वर गिरी ने भागवत कथा के पंचम दिवस प्रशांति विद्या मंदिर गोविंद नगर में व्यक्त किये। आज की कथा में कुआंतला सिद्ध क्षेत्र के महंत स्वामी बलराम जी ने पधारकर श्रद्धालुओं को अपना आशीर्वाद दिया। आज की कथा में कथा व्यास स्वामी चंद्रेश्वर गिरी ने कहा भगवान का नाम हमें मुक्ति दिलाने का सरल माध्यम है। उन्होंने कहा जैसा कि कहा गया है कलयुग केवल नाम अधारा भगवान का नाम ही हमें भवसागर से पार करने का सरल माध्यम है। उन्होंने कहा श्रीमद् भागवत कहती है मनुष्य को अपने जीवन में अपनी समर्थ और श्रद्धा के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए। दान करने से धन घटना नहीं बल्कि भगवान हमें उसका सौ गुना करके वापस करते हैं। कथा व्यास ने कहा कि हमें अपने जीवन में हर क्षण सकारात्मकता रखनी चाहिए। ना तो किसी का अपमान करें और ना ही किसी का बुरा करें। क्योंकि इसका परिणाम हमें इस जीवन में नहीं तो अगले जन्म में अवश्य भोगना पड़ेगा. उन्होंने कहा हमें अपनी सोच हमेशा सकारात्मक रखनी चाहिए. उन्होंने कहा हमारी सोच हमारे चेहरे से झलकती है इसलिए सभी से प्रेम करें और अपने जीवन को प्रेम में बनाएं। कथा व्यास स्वामी चंद्रेश्वर गिरी ने कहा कि मनुष्य का दिल अच्छा होना चाहिए चेहरे से कुछ नहीं होता। क्योंकि ईश्वर आपका हृदय देखा है चेहरा नहीं। इस अवसर पर मुख्य यजमान संजय श्रीवास्तव, अक्षय अलया, धु्रव साहू, राजेश दुबे, पत्रकार राजीव शुक्ला, आशुतोष तिवारी, विश्वनाथ शुक्ला, ध्यानसिंह यादव, सतीश पुरोहित, संजय कुशवाहा, रामकृपाल गुप्ता, कमलेश सोनी, डी.पी.श्रीवास्तव, विजय श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, हर्ष श्रीवास्तव, उत्कर्ष श्रीवास्तव, अर्पित श्रीवास्तव, सोम कांत श्रीवास्तव, शिवांशु श्रीवास्तव, अशोक कुमार श्रीवास्तव, शशि भूषण श्रीवास्तव, विपिन बिहारी श्रीवास्तव, रमन शर्मा, बिहारी लाल सविता, विशाल भटनागर, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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