अवधनामा संवाददाता
आज निकलेगा अमारी का जुलूस
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। हर इंसान की ये तमन्ना होती है कि वह अपने धर्म में आगे आकर काम को अंजाम दे। ऐसा ही कुछ जज़्बा क्षेत्र के हल्लौर में अंजुमन फरोग मातम के सिकरेट्री तसकीन हैदर रिज़वी में दिखाई दिया। उन्होंने अंजुमन फरोग मातम रजि० के हर काम को अपना काम समझते हुए अंजाम दिया है। तसकीन हैदर ने मोहर्रम के जुलूस से लेकर तबर्रुकात, अशरा ए मजालिस, अमारी जुलूस और मातमी जुलूस को बेहतर ढंग से गाइड करने का काम किया है। उनके इस कार्य की हल्लौर ही नही आसपास के जिले में काफी सराहना की जा रही है। इस बारे में सिकरेट्री तसकीन हैदर का कहना है कि मैं हमेशा से मौला के काम को बेहतर ढंग से करता चला आ रहा हूँ और आगे भी करता रहूंगा। जहाँ तक अंजुमन फरोग मातम के कार्यो का सवाल है तो उन कार्यो को अंजुमन के लोगों और सदस्यों की हौसला अफजाई, और टीम वर्क का नतीजा है जो सारे काम बेहतर ढंग से होते चले गए। जिन्दा जो रहेगा वही ये ग़म मनाएगा।आज निकलेगा अमारी का जुलूस
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। पहली मोहर्रम से लगातार सवा दो महीने तक चलने वाला अय्याम-ए-अजा का आखिर दिन बुधवार को होगा। इस दिन हल्लौर में जगह-जगह मरसिया, मजलिस व नौहा-मातम आयोजित किया जाएगा।
आठ रबी अव्वल के मातमी जुलूस को लेकर सारी तैयारी पूर्ण की जा चुकी है। अंजुमन गुलदस्ता मातम रजि० के तत्वावधान में सुबह में अमारी के साथ दुलदुल व अलम का जुलूस बरामद होगा, जबकि अंजुमन फरोग मातम के तत्वावधान में जुलजनाह व अलम के साथ मातमी जुलूस रवाएती अंदाज में निकलेगा। जो पूरे दिन कस्बे में गश्त करेगा। इस दौरान जगह-जगह रखे ताजिए की भी अकीदत मंद जियारत करेंगे। दोपहर बाद ताजियों को लेकर जाकर करबला में दफन किया जाएगा। करबला पर दोनों अंजुमन का जुलूस भी आकर समाप्त होगा।